प्लीज.. 'आदर्श' सोसायटी को मत गिराओ...
गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय ने बीते 16 जनवरी को कहा था कि आदर्श इमारत तटीय नियमों के नजरअंदाज करके बनीं है जिसके चलते इसका निर्माण अवैध और गलत है इसलिए उसने 31 मंजिली इमारत को गिरा देना चाहिए।
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इमारत को बचाने के प्रयास के तहत सोसायटी के लगभग 103 सदस्यों ने सोमवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और मंत्रालय के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि यह 'कानूनन गलत" है। आपको बता दें कि अमित नाईक की विधि कंपनी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सोसायटी के लिए सरकार के सभी संबंधित विभागों से मंजूरी ली गई थी।
जैसा कि आपको पता है कि कारगिल शहीदों के परिजनों के लिए बनाई गई यह बहुमंजिला इमारत इन खबरों के बाद सुखिर्यों में आ गई थी कि इसमें बने फ्लैट शहीदों के परिजनों की बजाय राजनेताओं दो पूर्व सेना प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों नौकरशाहों तथा उनके परिवारों को आवंटित कर दिए गए। इस मामले के चलते महाराष्ट्र के पूर्व मु्ख्यमंत्री अशोक चव्हाण को अपनी सीएम की सीट छोड़नी पड़ी थी।