ईरानी फ़िल्मकार पनाही को जेल
ये भी लिखा गया है कि जफ़ार पनाही पर फ़िल्में बनाने, स्क्रिप्ट लिखने और विदेश यात्रा करने पर रोक लगा दी गई है. एक और ईरानी फ़िल्मकार मोहम्मद रसुलोव को भी छह साल की जेल की सज़ा सुनाई गई है. वे जफ़ार पनाही के साथ मिलकर फ़िल्म बना रहे थे.
वकील फ़रीदा घेरात ने कहा है, "जफ़ार पनाही को जेल की सज़ा मिली है. उन पर आरोप है कि उन्होंने एक समारोह में हिस्सा लिया था और वे ईरानी तंत्र के ख़िलाफ़ काम कर रहे हैं. ये कड़ी सज़ा है और हम इसके ख़िलाफ़ अपील करेंगे."
नवंबर में इटली में जारी हुए बयान में कहा गया था कि पनाही के ख़िलाफ़ ईरान में मुक़दमा चल रहा है, आरोप ये है कि उन्होंने बिना अनुमति के फ़िल्म बनाई और 2009 के विवादित ईरानी राष्ट्रपति चुनाव के बाद विपक्षी प्रदर्शनकारियों को भड़काया.
सवाल उठाती फ़िल्में
रॉयटर्स के मुताबिक कोर्ट को दिए बयान में ज़फ़र पनाही ने कहा है कि वे अन्याय के शिकार हुए हैं और अपने ऊपर लगे एक आरोप को उन्होंने एक बड़ा मज़ाक करार दिया था. मार्च में गिरफ़्तार किए जाने के बाद पनाही ने दो से भी ज़्यादा महीने हिरासत में बिताए. इसके ख़िलाफ़ वे भूख हड़ताल पर चले गए थे जिसके बाद उन्हें ज़मानत पर रिहा किया गया था.
ईरानी अधिकारी कहते आए हैं कि ज़फ़र पनाही की गिरफ़्तारी राजनीतिक कारणों से नहीं हुई.ज़फ़र पनाही ईरान के इस्लामिक क़ानून और सरकारी प्रणाली के कड़े आलोचक रहे हैं और उनकी फ़िल्में सामाजिक टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं. वे कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं. 2006 में उनकी फ़िल्म ऑफ़साइड को बर्लिन फ़िल्म फ़ेस्टिवल में सिल्वर बीयर अवॉर्ड मिला था. वे इस साल कान फ़िल्म उत्सव में ज्यूरी के सदस्य बनने वाले थे. सितंबर में उन्हें वेनिस फ़िल्म फ़ेस्टिवल में नहीं जाने दिया गया था.स्टीवन स्पीलबर्ग समेत कई लोगों ने जाफ़र पनाही के पक्ष में आवाज़ उठाई है.