हालात का जायजा लेने केंद्रीय दल पहुंचेगा उत्तराखण्ड
केंद्र सरकार के उच्च अधिकारियों का यह दल सूबे के तमाम हिस्सों में जाकर आपदा और बारिश से हुए नुकसान का आकलन करेगा। दल में अलग-अलग तीन समूहों में केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों के 10 अधिकारी शामिल हैं।
आपदा प्रबंधन से जुड़े राज्य सरकार के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि दिल्ली से आने वाला यह दल गुरुवार, 30 सितंबर से दो अक्टूबर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में जाकर बाढ़ और भूस्खलन से हुई क्षति का जायजा लेगा। यह दल सूबे के सभी 13 जिलों का दौरा करेगा।
अधिकारी के अनुसार दल के तीनों समूहों के तीन मुखिया होंगे। एक समूह के मुखिया कृषि मंत्रालय के बी. क़े यादव है तो दूसरे के मुखिया स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डा. एस. के. चौधरी और तीसरे दल के मुखिया गृह मंत्रालय के जी. वी. शर्मा हैं।
डॉ. चौधरी के दल में चार सदस्य हैं। बाकी दलों में तीन-तीन अधिकारी होंगे।
यह दल सूबे के विभिन्न क्षेत्रों का आकलन करने के बाद दो अक्टूबर को राज्य के मुख्य सचिव सुभाष कुमार के साथ बैठक कर उनसे भी जानकारी हासिल करेगा। इस दल के दौरे के बाद केंद्र सरकार आपदा मद में राज्य को अतिरिक्त राशि जारी करेगी।
दूसरी ओर आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने का काम तेजी के साथ जारी है। शासन-प्रशासन दूर-दराज के गांवों तक जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में जुटा है।
मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक राहत कार्यो पर स्वयं नजर रख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत कायरें में तेजी लाने के निर्देश भी दिए हैं।
राज्य आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र, देहरादून ने बताया है कि ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग खोल दिया गया है। राज्य के शेष अवरुद्घ मागरें से मलबा हटाने का काम जारी है। दूरवर्ती क्षेत्रों में खाने-पीने की वस्तुओं, रसोई गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में आई आपदा के कारण राज्य की 1250 सड़कें, सैंकड़ों पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गईं हैं और भारी मात्रा में खेत-खलिहान नष्ट हो गए हैं।
आपदा में 170 व्यक्तियों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री ने केंद्र से उत्तराखण्ड को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करने व 21 हजार करोड़ रुपए का राहत पैकेज देने की मांग की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।