2011 से सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा का प्रारूप बदलेगा
नई दिल्ली |देश में सिविल सेवा परीक्षा या यूपीएससी प्रशासनिक परीक्षा के लिए छात्रों के बीच गलाकाट प्रतियोगिता होती है। अगर कोई छात्र इस परीक्षा की तैयारी कर रहा है तो अक्सर लोगों का पहला सवाल होता है कि उसने प्री में विषय कौन सा चुना है?
लेकिन अब ये सवाल नहीं होगा क्योंकि भारत सरकार ने यूपीएससी प्ररंभिक परीक्षा के प्रारूप को पूरी तरह से बदलने का निर्णय लिया है। अब प्रारंभिक परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषय नहीं चुनने होंगे बल्कि सभी प्रतियोगियों को एक ही परीक्षा देनी होगी। परीक्षा के पुराने प्रारूप की जगह अब कॉमन एप्टीट्यूड टेस्ट होगा। इस परीक्षा का नाम सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट होगा।
जन शिकायत और पेंशन मामलों के गृह राज्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया, "सरकार ने सिविल सर्विस प्रीलिम्स इम्तिहान की जगह सिविल सर्विस एप्टीट्यूट टेस्ट को लागू करने का प्रस्ताव मान लिया है." चव्हाण ने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही परीक्षा के नये प्रारूप की अधिसूचना जारी करेगी।
अभी परीक्षार्थियों को 23 वैकल्पिक विषयों में से एक को चुनना होता है। सरकार इस विषय का पाठ्यक्रम तैयार कर रही है। अगले साल से यह प्रारूप लागू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि देश के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी इस परीक्षा द्वारा चुने जाते हैं।