बिहार में कई स्थानों में बाढ़ का पानी घुसा
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अधिकारियों को बाढ़ से निपटने के निर्देश दिये हैं। वाल्मीकीनगर बैराज से गंडक नदी में ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण गोपालगंज में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुसने की भी सूचना है। जिलाधिकारी बाला मुरूगन ने जिले में बाढ़ की आश्ांका को देखते हुए रेड अलर्ट घोषित कर दिया है।
सुपौल जिले में कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने से पूर्वी तटबंध के कई स्थानों पर दबाव बढ़ गया है। पानी बढ़ने के काण पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के बीच बसे करीब 25 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। गांव के लोग अब पलायन करने लगे हैं। बेतिया जिले के नरकटियागंज अनुमंडल के गौनहां प्रखंड मुख्यालय में बाढ़ का पानी घुस गया है जबकि बगहा नगर के आधा दर्जन मोहल्लों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। बेतिया के जिलाधिकारी देवराज देव ने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने का कार्य प्रारंभ कर दिया है।
इधर, मुजफ्फपुर के औराई, कटरा और गायघाट प्रखंडों के 53 गांवों में बागमती और लखनदेई नदी की बाढ़ का पानी प्रवेष कर गया है। अधिकारियों के अनुसार करीब 2500 परिवार इसकी चपेट में हैं।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष में तैनात अभियंता मनोज कुमार ने बुधवार को बताया कि बागमती रूनीसैदपुर, बेनीबाद तथा जयनगर में खतरे के निशान को पार कर गई है जबकि कोसी बराह क्षेत्र के अलावा बसुआ में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। महानंदा तैयबपुर और झावा में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।
उन्होंने बताया कि वाल्मीकीनगर स्थित कोसी बैराज से बुधवार को आठ बजे सुबह 2,82,300 क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा है जबकि वाल्मीकीनगर स्थित पर गंडक बैराज का जलस्राव इसी समय 3,72,800 क्यूसेक था। इधर, राज्य के मुख्यमंत्री ने राज्य के कुछ जिलों में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए तटबंधों की सुरक्षा बढ़ाने और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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