विश्वास बहाली के लिए पाकिस्तान को आतंकवाद रोकना होगा: कृष्णा
कृष्णा ने राज्यसभा में कहा, "विश्वास बहाली की दिशा में सबसे बड़ा कदम यह होगा कि पाकिस्तान अपने यहां से होने वाले आतंकवादी हमलों को रोके और भारत के खिलाफ दिए जा रहे भाषणों पर विराम लगाए।"
उन्होंने कहा, "आतंकवाद हमारी प्रमुख चिंता है। पाकिस्तान में हमने अपने समकक्षों के साथ इस विषय को उठाया है।"
प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रकाश जावडेकर ने पाकिस्तान के साथ वार्ता को 'निर्थक' करार दिया। इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि वार्ता के अलावा कोई दूसरा सार्थक विकल्प नहीं है।
कृष्णा ने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच 2004 से मुंबई हमले तक बिना किसी रुकावट के वार्ता का दौर चला। मुंबई हमला एक ऐसा पड़ाव था, जहां हमें वार्ता रोकनी पड़ी।"
उन्होंने कहा कि भूटान में हुए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बीच वार्ता को फिर से शुरू करने पर सहमति बनी थी।
विदेश मंत्री ने कहा, "दोनों प्रधानमंत्री इस बात पर रजामंद थे कि भारत और पाकिस्तान के बीच परस्पर विश्वास की कमी है। दोनों नेताओं ने सचिव स्तर और मंत्री स्तर की वार्ता का फैसला किया।"
कृष्णा ने कहा, "हम जब भी मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बारे में बात करते हैं तो पाकिस्तान का रुख अस्पष्ट हो जाता है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान सहयोगात्मक रुख दिखाए ताकि हम शांति में रह सके।"
उन्होंने कहा कि भारत शांतिपूर्ण पाकिस्तान चाहता है। इससे पूरे क्षेत्र में शांति बनी रहेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।