प्रचंड भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल हुए (लीड-1)
काठमांडू, 20 जुलाई (आईएएनएस)। नेपाली माओवादी पार्टी के सुप्रीमो पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन की अपनी परंपरागत छवि के अनुरूप पार्टी में उठ रही मत भिन्नताओं को समाप्त करते हुए दूसरी बार नेपाल में प्रधानमंत्री के चुनाव में अपनी उम्मीदवारी घोषित कर दी है।
पार्टी के ही एक अन्य नेता बाबूराम भट्टारई को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने अपनी उम्मीदवारी घोषित की है। भट्टारई को बुधवार को होने जा रहे प्रधानमंत्री पद के लिए माओवादियों के एक धड़े द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने की कोशिश की जा रही थी।
प्रचंड के मुख्य प्रतिद्वंदी पूर्व उप प्रधानमंत्री राम चंद्र पोडल को नेपाली कांग्रेस ने पहले ही उम्मीदवार घोषित कर दिया था। माओवादियों के पास हालांकि 601 सदस्यीय संसद में 237 सीटें हैं और नेपाली कांग्रेस के पास 114 सीटें हैं।
प्रधानमंत्री पद के तीसरे उम्मीदवार वामपंथी गठबंधन (यूएमएल) द्वारा नामित झालानाथ खेनल हैं जिनके पास 109 सांसद हैं।
वामपंथी पाटिर्यो के प्रमुख नेताओं में मतभेद के बावजूद मंगलवार को दोनों पार्टियों ने अपनी मतभिन्नताओं पर पत्र प्रस्तुत किया और निर्णय लेने वाली केंद्रीय समिति ने वरिष्ठ नेता झालानाथ खनाल को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की।
पुरानी प्रतिद्वंदिता को पीछे छोड़ते हुए कार्यकारी प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने मंगलवार को केंद्रीय समिति की बैठक में खनाल के नाम का प्रस्ताव किया, जिसका वरिष्ठ नेता विष्णु पोडेल ने समर्थन किया।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- यूनिफाईड मार्क्सिस्ट लेनिननिस्ट (यूएमएल) दो पार्टियों का गठबंधन है।
प्रस्ताव में कहा गया कि यदि प्रधानमंत्री के नाम पर सहमति बनने से पहले अंतिम समय तक विपक्षी दलों के सहयोग से 601 सांसदों का दो-तिहाई बहुमत नहीं जुटाया जा सका तो खनाल का नामांकन रद्द कर दिया जाएगा और यूएमएल के सांसदों को प्रचंड और पोडल में से किसी को चुनने के लिए कहा जाएगा।
नेपाल में यदि बुधवार को मजबूत सरकार का गठन नहीं हो पाता है तो नए संविधान को 2011 तक लागू नहीं किया जा सकेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।