प्रधानमंत्री की कश्मीर यात्रा शुरू, अलगाववादियों का बंद का आह्वान (लीड-3)
श्रीनगर, 7 जून (आईएएनएस)। अलगाववादियों द्वारा किए गए बंद के आह्वान के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जम्मू एवं कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार को यहां पहुंचे। बंद के कारण यहां जनजीवन अस्त-व्यस्त बना रहा।
प्रधानमंत्री ने यहां शेर-ए कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। यह आयोजन डल झील के किनारे कंवेंशन कांप्लेक्स में हुआ।
प्रधानमंत्री, अपनी पत्नी गरुशरण कौर और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ विशेष विमान से श्रीनगर हवाई अड्डा पहुंचे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और पृथ्वीराज चव्हाण, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव टी.के.ए.नायर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन, प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार हरीश खरे भी हैं। श्रीनगर बंद के मद्देनजर यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. वोहरा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुला, उनके पिता एवं केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला और राज्य मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों ने हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री की अगवानी की।
प्रदेश कांग्रेस इकाई के प्रमुख सैफुद्दीन सोज तथा प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी भी हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
इस बीच प्रधानमंत्री की यात्रा के विरोध में कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी द्वारा किए गए बंद के आह्वान की वजह से पूरे शहर के जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। यहां के बाजार बंद रहे और सार्वजनिक वाहन नहीं चले। स्कूल और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
पुराने शहर के पांच थानाक्षेत्रों में किसी भी तरह की हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)के जवान तैनात किए गए हैं।
शेर-ए कश्मीर इंटरनेशनल कंवेशन कांप्लेक्स की ओर जाने वाले सभी रास्ते सील कर दिये गए हैं और उन सड़कों पर पुलिस पास के बगैर वाहनों या पैदल चलने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "नागरिकों की आवाजाही पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है। नागरिकों की जान-माल की हिफाजत के लिए ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं।"
निशात, शालीमार और चश्मा शाही सहित सभी मुगलिया बागों को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है। इसकी वजह यह है कि प्रधानमंत्री जिन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले हैं वे सभी इन बागों के नजदीक हैं।
पुलिस और खुफिया विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मीडिया की इन रपटों का खंडन किया है कि आतंकवादी श्रीनगर में आत्मघाती हमले की साजिश रच रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है और अन्य एजेंसियों से हमें जो रपटें मिल रही हैं वे विश्वसनीय नहीं मालूम पड़तीं।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा के बारे में एक मानक प्रक्रिया अपनाई जाती है और उसका यहां कड़ाई से पालन किया जा रहा है।
कश्मीरी केसर उद्योग के लिए प्रधानमंत्री 200 करोड़ रुपये के एक राहत पैकेज की भी घोषणा कर सकते हैं। बाजार में नकली केसर की बाढ़ से यह उद्योग घाटे में चल रहा है।
वह सभी अलगाववादियों से केंद्र के साथ राजनीतिक वार्ता बहाल करने का अनुरोध भी दोहरा सकते हैं। वह पांच कार्यसमूहों की सिफारिशों के बारे में राज्य सरकार के साथ चर्चा करेंगे।
इन कार्यसमूहों का गठन 2006 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुए गोलमेज सम्मेलन के बाद हुआ था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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