एमसीआई को भंग किए जाने की संभावना (लीड-1)
एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार सात सदस्यों की समिति में नामी चिकित्सक जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व निदेशक पी. वेणुगोपाल, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ के. के. तलवार और एम. एस. वालियाथन होंगे। यह समिति जल्द ही एमसीआई की जगह लेगी।
पंजाब में एक मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने के लिए दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एमसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष केतन देसाई की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 22 अप्रैल को हुई गिरफ्तारी के बाद यह निर्णय सामने आया। केतन देसाई का इस्तीफा बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के पास भेज दिया गया।
स्वास्थ्य सचिव सुजाता राव ने शुक्रवार को कहा, "हम जांच कर रहे हैं कि क्या किया जा सकता है।"
उन्होंने बताया कि 1956 में संसद में एक अधिनियम लाकर एमसीआई का गठन किया गया था।
राव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "एमसीआई को क्या करना है? यह निर्देश देने के लिए सरकार के पास शक्तियां होनी चाहिए। अगर वे कुछ गलत करते हैं तो हम कार्रवाई कर सकते हैं। इस तरह की समस्या इससे पहले कभी सामने नहीं आई। सरकार यह जांच करा रही है कि क्या किया जा सकता है।"
उधर, शहर की एक अदालत ने शुक्रवार को केतन देसाई एवं तीन अन्य लोगों की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने जेल अधिकारियों को देसाई, जे. पी. सिंह, कंवलजीत सिंह और सुखविंदर सिंह को 28 मई को अदालत के सामने पेश करने के निर्देश दिए।
अदालत ने देसाई की जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी थी और शुक्रवार को कंवलजीत सिंह और सुखविंदर सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई 28 मई तक के लिए स्थगित कर दी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।