नक्सलियों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल नहीं : चिदंबरम
इसके साथ ही चिदंबरम ने व्यापार व उद्योग क्षेत्र के प्रमुखों का आह्वान किया कि उन्हें देश के दूरवर्ती हिस्सों के विकास में भागीदार बनना चाहिए।
चिदंबरम ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "नक्सलियों के खिलाफ सेना या वायु सेना का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सीधी सी बात है कि यह हमारी नीति नहीं है।"
चिंदबरम ने यहां तक कि नक्सलियों के खिलाफ ठोस पुलिस कार्रवाई की बात को भी खारिज कर दिया।
चिदंबरम ने कहा, "यद्यपि हमारे पास ऐसा करने की क्षमता है, फिर भी ठोस पुलिस कार्रवाई नहीं की जा सकती। नक्सलियों के खिलाफ आंशिक और नियंत्रित पुलिस कार्रवाई ही की जानी है।"
चिंदबरम ने कहा कि नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में पुलिस कार्रवाई और विकास संबंधी गतिविधियां साथ-साथ चलनी हैं। उन्होंने कहा कि नक्सली अपने को गरीबों का रहनुमा भले ही बताते हों, लेकिन वे देश के दूरवर्ती हिस्सों में विकास और गरीबी उन्मूलन के मकसद वाली ढांचागत परियोजनाओं को लगातार नष्ट कर रहे हैं।
चिदंबरम ने गरीबी और अशिक्षा में जकड़े जनजातीय लोगों से कहा कि वे नक्सलियों को अपना शुभचिंतक मानते हैं और सरकार व व्यापारिक घरानों पर अविश्वास करते हैं।
चिदंबरम ने सवालिया लहजे में कहा, "यहां तक कि टाटा ने भी जो काम 100 साल पहले कर लिया था, वह आज नहीं कर सकते। क्या आप इस समय छत्तीसगढ़ में कोई इस्पात संयंत्र स्थापित कर सकते हैं?"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।