श्रीनगर में संघर्ष में 13 लोग घायल (लीड-1)
बार एसोसिएशन ने कथित तौर पर 'न्यायपालिका के पतन, राजनीतिक कैदियों के साथ दुर्व्यवहार और राज्य की पहचान को बदलने का आरोप' लगाते हुए बंद का आह्वान किया है।
हुर्रियत के उदारवादी और कट्टरपंथी धड़े ने हड़ताल का समर्थन किया था।
प्रशासन ने पुराने शहर के विभिन्न इलाकों में पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पुलिस ने बारामूला, सोपोर और श्रीनगर के कुछ स्थानों पर पथराव कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।
बारामूला कस्बे में पुलिस और पथराव कर रही भीड़ के बीच हुए संघर्ष में तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए। जबकि दो पुलिस कर्मी सोपोर कस्बे में घायल हुए।
मुश्ताक अहमद नामक एक पुलिस कर्मी उस समय गंभीर रूप से घायल हो गया, जब एक उग्र भीड़ ने पुलिस पर और श्रीनगर के पारिमपोरा इलाके में गुजर रहे यातायात पर पथराव किया। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने कहा कि पथराव करने वाले छह प्रदर्शनकारियों को भी मामूली चोटें आई हैं।
प्रशासन ने पुराने शहर के खानयार, रैनावारी, एस.आर.गंज, नौहट्टा और साफा कदल इलाकों में धारा 144 लगा दिया था।
श्रीनगर में सभी शैक्षणिक और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति कम दर्ज की गई। सड़कों पर वाहन नदारद रहे।
घाटी के अन्य शहरों में भी हड़ताल का असर देखा गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां कहा, "किसी नागरिक को गंभीर चोटें नहीं आई हैं। लेकिन एक पुलिस कर्मी शहर के पारिमपोरा इलाके में गंभीर रूप से घायल हो गया।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।