विधि शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत : प्रधानमंत्री (लीड-2)
विधि शिक्षा में दूसरी पीढ़ी के सुधारों के लिए शनिवार को राष्ट्रीय परामर्श सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए विधि शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
नई दिल्ली में सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं आज विधि शिक्षा प्रणाली में बदलाव के संबंध में आयोजित इस सम्मेलन में आप लोगों के बीच उपस्थित होकर काफी खुश हूं।" उन्होंने एक ऐसे समाज पर बल दिया जहां पुरुष और महिलाओं को आसानी से न्याय मिले।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज में सभी वर्गो के लोगों को न्याय पहुंचाने के लिए विधि शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह मौजूदा वक्त की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर प्रसिद्ध शिक्षाविद और पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन कहा करते थे कि देश में ऐसा कोई भी विधि संस्थान नहीं है जो इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाता है।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि अब हमने विधि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है लेकिन अभी भी हमें काफी कुछ करना है।
प्रधानमंत्री ने देश में विधि के जानकार अच्छे शिक्षकों की जरूरत पर भी बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, "विश्व स्तरीय शैक्षणिक प्रणाली के लिए हमें सपना देखना होगा। विधि विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं का हिस्सा बनाना चाहिए।"
विधि के जानकार शिक्षकों की जरूरतों पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें अच्छे शिक्षकों की आवश्यकता है। हमें उस वक्त दुख होता है जब हम नए विधि संस्थानों के लिए प्रमुख की खोज करते हैं तो हमारे सामने काफी कम लोग नजर आते हैं। हमोर पास विधि पुस्तकालयों की भी कमी है। हमें छात्रों को शोध के लिए नई राहें दिखानी होंगी। विधि संस्थानों वैश्विक नेटवर्क से जोड़ना होगा।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि विधि शिक्षा प्रणाली में सुधार आम लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस सम्मेलन की सफलता की कामना करते हैं। उन्होंने कहा, "मुझे भरोसा है कि सम्मेलन के एजेंडे और इसकी सिफारिशों से देश की विधि शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा। मैं कामना करता हूं कि आप सभी पेशेवर और निजी जिंदगी में सफल रहें।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*