फोन टेपिंग: इंडियन टेलीग्राफ एक्ट पर भड़के आडवाणी
आडवाणी ने अपने ब्लॉग में लिखा है, "आउटलुक पत्रिका में छपी यह खबर चौंकाने वाली है। इंडियन टेलीग्राफ एक्ट, 1985 के सभी पहलूओं की समीक्षा होनी चाहिए। इसके लिए ब्रिटेन की बिरकेट समिति की तर्ज पर एक संससदीय समिति गठित की जानी चाहिए। पुराने हो चुके इस कानून को खत्म कर एक नया कानून बनाए जाने की आवश्यकता है, जिससे नागरिकों की निजता सुरक्षित रह सके और इसका उपयोग सिर्फ अपराध और खुफियागिरी रोकने के लिए किया जा सके।"
उल्लेखनीय है कि फोन टेपिंग से संबंधित मामलों की जांच के लिए 1975 में ब्रिटेन में नॉर्मन बिरकेट की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी। इस समिति ने सिफारिश की थी फोन टेपिंग का अधिकार पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को दिया जाना चाहिए वह भी सिर्फ आपराधिक जांच से जुड़े मामलों की जांच के लिए या खुफिया गतिविधियों पर नजर रखने के लिए।
उन्होंने कहा, "इस कानून में यह वैधानिक ताकत होनी चाहिए कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं और मीडियाकर्मियों के खिलाफ सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग न कर सके और उनकी निजता सुरक्षित रहे।"