नुकसानदेह है बच्चों को आलसी कहना
सिडनी, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। जिन बच्चों को उनके शिक्षक और माता-पिता आलसी करार दे देते हैं उनमें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। एक नए अध्ययन से पता चला है कि ऐसे बच्चों को कुछ सीखने में दिक्कत होती है और उनमें प्रेरणा की भी कमी होती है।
'क्वींसलैंड युनीवर्सिटी ऑफ टैक्नोलॉजी' (क्यूयूटी) की शैक्षिक मनोवैज्ञानिक लिंडा गिलमोर ने शिक्षकों व माता-पिता द्वारा आलसी कहे जाने वाले सात से आठ वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर यह अध्ययन किया था।
उन्होंने पाया कि तीन-चौथाई बच्चों में सीखने संबंधी परेशानियां थीं या उन्हें ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत हो रही थी।
गिलमोर का कहना है कि शिक्षक द्वारा बच्चों से कड़ी मेहनत करने या और प्रयास करने के लिए कहने से बच्चों और उनके माता-पिता को लगता है कि वे आलसी हैं।
उन्होंने कहा कि अध्ययन में पाया गया कि अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों की स्कूल में बहुत कम रुचि है, वे अपना कार्य पूरा करने में अक्सर असफल रहते हैं और बहुत जल्दी हार मान लेते हैं।
गिलमोर ने बताया कि आलसी कहे जाने वाले कुछ बच्चों को केवल गणित विषय में ही परेशानी आती है जबकि ज्यादातर बच्चों के साथ होमवर्क पूरा करने की परेशानी तो रहती ही है। ऐसे बच्चों को अभिभावकों से बार-बार सजा भी मिलती है।
बच्चों के पढ़ाई में ध्यान न दे पाने की चिकित्सकीय वजहें हो सकती हैं लेकिन उन्हें बार-बार आलसी कहे जाने से उनकी सीखने की क्षमता और भी कम होती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।