कुंभ : अंतिम शाही स्नान के दौरान हादसा, 7 मरे (लीड-3) (फोटो सहित)
प्रशासनिक अधिकारियों के स्थिति सामान्य होने के दावे के बाद से अखाड़ों का शाही स्नान के लिए हरकी पौड़ी की तरफ जाने का क्रम शुरू हुआ। जूना अखाड़े के महंत अवधेशानंद ने शाही स्नान के बहिष्कार की घोषणा की। जूना के साथ अग्नि व आह्वान अखाड़ों ने भी शाही स्नान का बहिष्कार किया। इन अखाड़ों ने हादसे में मारे गए लोगों के शोक को बहिष्कार का कारण बताया।
मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कुंभ में भगदड़ जैसी किसी घटना से साफ इंकार किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, "इससे पहले सभी शाही स्नन अच्छे से बीत गए लेकिन अंतिम शाही स्नन के लिए इस प्रकार की दुर्घटना होना दुर्भाग्यपूर्ण है।" उन्होंने कहा कि इतने बड़े आयोजन के दौरान इस प्रकार की घटना का होना अस्वाभाविक नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कुंभ का आज अंतिम शाही स्नान है। इस अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। लाखों लोग अब तक पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगा चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक 50 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं।
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर के काफिले की गाड़ी की चपेट में आकर चण्डीघाट पुल पर दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि अन्य मौतें लालतारों पुल में जूना के शाही जुलूस को निकालने के दौरान साधुओं व श्रद्घालुओं के बीच झड़प के बाद मची भगदड़ से हुई।
भगदड़ से बचने के लिए कुछ लोग इस क्षेत्र की रेलिंग पर चढ़ गए। रेलिंग के टूटने से कुछ लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। घायलों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
मेलाअधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।