यूलिप पर कायम रहेगी यथास्थिति : मुखर्जी (लीड-1)
दोनों नियामक संस्थाओं के प्रमुखों की वित्त मंत्रालय में हुई बैठक के बाद मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, "दोनों नियामक संस्थाएं संयुक्त रूप से एक उपयुक्त न्यायालय से कानूनी तौर पर बाध्यकारी आदेश मांगने के लिए राजी हो गईं हैं। बहरहाल तब तक यथास्थिति बहाल रहेगी।"
सेबी ने नौ अप्रैल को 14 बीमा कंपनियों की यूलिप की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया और कहा कि उनको बाजार नियामक संस्था के पास पंजीकृत होने की आवश्यकता है। सेबी का कहना है कि यूलिप म्युचुअल फंड के समान है और उसकी अनुमति के बगैर इसकी बिक्री नहीं हो सकती।
इसके एक दिन बाद इरडा ने बीमा कंपनियों से यूलिप का व्यापार जारी रखने को कहा और निवेशकों को आश्वस्त किया कि उनका निवेश सुरक्षित है। इरडा ने कहा था कि सेबी के आदेश से पैदा मुद्दों को उपयुक्त मंच पर सुलझाया जाएगा।
इरडा के अध्यक्ष जे. हरि नारायण ने सोमवार सुबह संवाददाताओं से कहा कि यूलिप उत्पादों पर सेबी का क्षेत्राधिकार नहीं है। सेबी के आदेश का पालिसीधारकों और बीमा कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।