भारत ने हेडली मामले पर अमेरिका को चिंता जताई (लीड-1)
नई दिल्ली/शिकागो, 18 मार्च (आईएएनएस)। भारत ने गुरुवार को इस बात पर चिंता जताई है कि मुंबई हमले का संदिग्ध आतंकवादी डेविड हेडली मौत की सजा से बचने के लिए अपनी याचिका बदलकर अपराध स्वीकार कर सकता है, हालांकि भारत उसके बयान की प्रतीक्षा कर रहा है।
इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने अमेरिकी खुफिया विभाग के प्रमुख डेनिस सी ब्लेयर से मुलाकात की।
यदि पाकिस्तानी-अमेरिकी हेडली अपना अपराध स्वीकार कर लेता है तो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का यह संदेह पुख्ता हो जाएगा कि वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के लिए भी काम करता था।
पिछले साल अक्टूबर में हेडली को अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने गिरफ्तार किया था। उम्मीद लगाई जा रही है कि शिकागो की एक अदालत में गुरुवार रात सुनवाई के दौरान वह एक अमेरिकी जिला न्यायाधीश हैरी लीनेनवेबर के सामने अपना अपराध स्वीकार कर लेगा।
चिदंबरम और ब्लेयर की मुलाकात में हेडली के मुद्दे पर चर्चा की गई। इस बैठक में भारत में अमेरिका के राजदूत टिमोथी जे. रोमर भी शामिल थे।
उधर, विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने कहा, "हम हेडली के बयान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।"
हेडली के प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "इस बारे में गृह मंत्रालय आपको बेहतर जानकारी दे सकता है।"
इससे पहले भारत ने मुंबई हमले में हेडली की भूमिका के संबंध में उससे पूछताछ की मांग की थी।
गृह मंत्रालय को संदेह है कि हेडली सीआईए का एजेंट था और यदि उसे कम सजा मिलती है तो यह संदेह और भी पुख्ता हो जाएगा।
एक पाकिस्तानी राजनयिक और अमेरिकी मां की संतान हेडली का वास्तविक नाम दाऊद गिलानी था, जिसे उसने वर्ष 2006 में छोड़ दिया।
हेडली पर डेनमार्क के अखबार जिलैंड्स-पोस्टन पर भी हमले की योजना बनाने का आरोप है। इसी अखबार ने वर्ष 2005 में पैगंबर मुहम्मद साहब का कार्टून प्रकाशित किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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