महिलाओं की मुट्ठी में एक करोड़ रुपये!
भोपाल, 8 मार्च (आईएएनएस)। साथी हाथ बढ़ाना साथी रे.. गीत को आत्मसात कर एकजुट हुईं महिलाओं ने विपरीत हालात से लड़ना तो सीखा ही, साथ में एक करोड़ रुपये की पूंजी भी अपनी मुट्ठी में बंद कर लिया।
लगभग एक दशक पहले अस्तित्व में आए नर्मदा महिला संघ ने मध्य प्रदेश के बैतूल और होशंगाबाद में महिलाओं को कुरीतियों के खिलाफ जगाने के साथ अत्याचार से लड़ने का जज्बा भी पैदा किया है।
इस संघ ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें स्वरोजगार स्थापित करने के गुर सिखाए। इन दोनों जिलों में संघ के 8051 सदस्य हैं और उसके अधीन 616 स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं।
संघ की अध्यक्ष सेवंती बाई बताती है कि उनके संघ का लक्ष्य महिलाओं का विकास है। इसी के चलते गांव-गांव में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाओं को सरकार की योजनाओं से भी अवगत कराया जाता है, ताकि वे उसका लाभ उठा सकें।
संघ की सदस्य ममता चौरे बताती हैं कि 202 गांवों में संघ से जुड़े समूह कार्य कर रहे हैं। संघ की सदस्य महिलाओं ने 5288 हेक्टेयर क्षेत्र में वाटरशेड के तहत विभिन्न कार्य किए गए हैं।
महिलाओं को बागवानी के अलावा स्वरोजगार स्थापित करने का प्रशिक्षण दिया गया, साथ ही कानूनी जानकारी भी उन्हें मुहैया कराई गई है। आज संघ की पूंजी एक करोड़ 11 लाख रुपये हो गई है।
उन्होंने आगे बताया कि विभिन्न बैकों के माध्यम से एक करोड़ 44 लाख रुपये के कर्ज उपलब्ध कराए गए हैं। इस राशि से महिलाओं ने बड़ी तादाद में स्वरोजगार स्थापित किए हैं। संघ से जुड़े बहुत से समूह कृषि के माध्यम से स्वरोजगार कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।