विद्रोही संगठन ने प्रवासियों को मणिपुर छोड़ने को कहा (लीड-1)
मणिपुर में बहुसंख्यक मेतेई समुदाय के लिए एक स्वतंत्र राज्य की लड़ाई लड़ रहे प्रतिबंधित विद्रोही संगठन, द रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) ने गैर मणिपुरी लोगों को राज्य छोड़ देने के लिए 31 मई की समय सीमा निर्धारित की है।
आरपीएफ के प्रवक्ता टी.लीसेंबा ने एक बयान में कहा है, "यहां के निवासियों में गैर मणिपुरी लोगों के खिलाफ घृणा बढ़ती जा रही है। इसलिए हम उनसे कहते हैं कि वे मणिपुर छोड़ दें अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें।"
इस संगठन ने स्थानीय नागरिकों से भी कहा है कि वे गैर मणिपुरी लोगों को न मकान किराए पर दें, न जमीन बेचें और न तो उन्हें व्यापार की ही अनुमति दें।
राज्य की 24 लाख आबादी में गैर मणिपुरी लोगों की संख्या के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
अन्य भारतीय राज्यों से बड़ी संख्या में आए लोग मणिपुर में मजदूरों के रूप में काम करते हैं। तमाम लोग या तो व्यापार करते हैं या फिर निजी कंपनियों और शिक्षण संस्थानों में काम करते हैं।
बिहार मूल के एक छोटे-से व्यापारी हरिधन सिंह का कहना है, "इस धमकी के बाद हम चिंतित हैं और हमें समझ में नहीं आ रहा कि इसके बाद अब क्या करें।"
ज्ञात हो कि पिछले तीन सालों के दौरान मणिपुर में आतंकियों ने अलग-अलग हमलों में 50 हिंदी भाषियों को मार डाला है।
सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई है।
पिछले 12 सालों से मणिपुर में जा बसे खाद्य उत्पादों के डीलर उत्तर प्रदेश मूल के बरुण यादव कहते हैं, "हमारे जैसे गैर मणिपुरी लोगों में भय और आतंक की भावना घर कर गई है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।