देश में सिर्फ 20 प्रतिशत लोगों का विकास : भागवत (लीड-1)
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में रविवार को आयोजित हिंदू समागम में मोहन भागवत ने कहा कि इस देश में सभी के लिए एक न्याय है जबकि हिंदुओं के साथ अन्याय हुआ है। देश की सारी योजनाएं 'कुछ लोगों' के लिए हैं, वे मानते हैं कि उनका भी विकास जरूरी है मगर अन्य का भी। साथ में उन्होंने जोड़ा कि शेर की खाल पहनने से कोई गधों के झुंड में खड़े होकर शेर नहीं बन जाता है।
उन्होंने सरकार पर अपरोक्ष रूप से तुष्टीकरण का आरेाप लगाते हुए कहा कि एक तरफ मंदिरों के साथ उपेक्षा का भाव अपनाया जा रहा है वहीं अलगाववाद बढ़ाने वाली संस्थाओं को मदद दी जा रही है।
भागवत ने संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता नानाजी देशमुख और श्रीपति शास्त्री को श्रद्घांजलि देते हुए कहा कि नानाजी संघ के ऐसे कार्यकर्ता थे जिन्होंने समाज सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया। उन्होंने 60 वर्ष का होते ही राजनीति से संन्यास ले लिया था और समाजसेवा में जुट गए थे।
भागवत ने भारत की नीति की आलोचना करते हुए कहा कि एक तरफ चीन घेराबंदी कर रहा है दूसरी पाकिस्तान की हरकतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, यह सब भारत की दोषपूर्ण नीतियों के कारण हो रहा है।
अरुणाचल में चीन लगातार अपना दावा ठोंके जा रहा है वहीं पाकिस्तान अलगाववादी ताकतों को बढावा दे रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत को पाक की हरकतों से सीख लेना होगी। भारत का बटवारा सिर्फ शांति के लिए किया गया था मगर आज वही देश हमारी शांति में खलल पैदा कर रहा है। आज जरूरत इस बात की है कि उसे जबाव दिया जाए, मगर ऐसा न होकर हम उसके भ्रम जाल में फंस जाते हैं। जब भी शांति वार्ता की पहल होती है, आतंकवादी उस अवधि का लाभ लेकर तैयारी कर हमला बोलते हैं।
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में आज एकाधिकारवाद का दौर चल रहा है। चंद प्रतिशत लोग 80 प्रतिशत दुनिया पर अपना अधिकार जमाना चाहते हैं। अमेरिका पूरी दुनिया में अपना अधिकार तंत्र फैलाना चाहता है। कारण है कि वह यूरेनियम और बेकार दवाइयां भारत में खपा रहा है, वह नहीं चाहता है कि उसकी बराबरी पर कोई दूसरा देश खड़ा हो। यही हाल चीन का है जो तिब्बत को निगलने के बाद नेपाल में माओवादियों को बढ़ावा दे रहा है और भारत की सीमा पर दावा ठोक रहा है ताकि भारत बराबरी न कर सके।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।