आम बजट: कृषि ऋण माफी योजना 30 जून 2010 तक बढ़ी
मुखर्जी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास की गति बढ़ाने के लिए सरकार चार स्तरीय कार्ययोजना पर अमल करेगी, जिसमें कृषि उत्पादन में वृद्धि, उत्पाद की बरबादी में कमी, किसानों को ऋण सहायता, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र पर जोर देना शामिल है।
मुखर्जी ने कहा कि कार्ययोजना के पहले घटक में ग्राम सभाओं तथा किसान परिवारों के सक्रिय सहयोग से बिहार, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में हरित क्रांति का विस्तार करना है। उन्होंने इसके लिए 400 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव किया है।
मुखर्जी ने कहा कि कार्ययोजना के दूसरे घटक के तहत भंडारण क्षमता में वृद्धि करने के लिए भारतीय खाद्य निगम के जरिए निजी क्षेत्रों से गोदाम किराए पर लेने की अवधि को पांच वर्ष से बढ़ाकर सात वर्ष किया जा रहा है।
मुखर्जी ने कहा कि कार्ययोजना के तीसरे घटक के तहत ऋण उपलब्धता बढ़ाने की योजना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010-11 के लिए मौजूदा 3,25,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण को बढ़ाकर 3,7500 करोड़ रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए ऋण माफी और ऋण राहत योजना के तहत ऋण वापसी की अवधि को 31 दिसंबर, 2009 से छह महीने बढ़ाकर 30 जून, 2010 तक करने का प्रस्ताव है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि चौथे घटक के तहत आधारभूत संरचना उपलब्ध कराकर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पहले से स्थापित 10 मेगा फूड पार्क परियोजानाओं के अतिरिक्त ऐसे पांच और पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।