त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय ने मनाया अपना स्थापना दिवस
अगरतला/शिलांग/इम्फाल, 22 जनवरी (आईएएनएस)। पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय राज्यों ने अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया। इन राज्यों का कहना है कि राज्य में आर्थिक विकास और आतंकवाद को खत्म करने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार और शुक्रवार को रंगारंग समारोह और कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
त्रिपुरा और मणिपुर की पूर्व रियासतों को वर्ष 1949 में भारत में मिलाया गया और 21 जनवरी 1972 तक पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने तक यह केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर जाने जाते थे। मेघालय को 2 अप्रैल 1970 को स्वायत्त राज्य का दर्जा प्रदान किया गया और असम से अलग होने के बाद 21 जनवरी 1972 में पूर्ण राज्य बना।
त्रिपुरा के उच्च शिक्षामंत्री अनिल सरकार ने बताया, "करीब चार दशकों में त्रिपुरा ने कृषि से लेकर शिक्षा और बुनियादी ढांचे में और अधिकतर तो हाल के सालों में भारी पर्वितन किया है। हालांकि लोगों के विकास के लिए और कई क्षेत्रों में काम किया जाना है।"
उन्होंने बताया कि आतंकवाद के बावजूद त्रिपुरा ने गैस, रबर, वानिकी और कृषि के क्षेत्र में तेजी से विकास किया है। त्रिपुरा का रबर उत्पादन में केरल के बाद दूसरा स्थान है।
मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री फिरोजाम पारिजात ने बताया, "मणिपुर की 2,500,000 की कुल जनसंख्या में से 70 फीसदी लोग शिक्षित हैं। लेकिन आतंकवादियोंसे सशस्त्र संघर्ष की वजह से राज्य का विकास नहीं हो पा रहा है।"
मेघालय में राजधानी शिलांग से 325 किलोमीटर दूर स्थित तुरा में शाम को आयोजित एक समारोह में मेघालय के मुख्यमंत्री डी.डी. लपांग ने गुरुवार को संकेत दिया कि सरकार मेघालय दिवस यानी राज्य स्थापना दिवस के तौर पर जल्द ही छुट्टी घोषित करेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।