ज्यादा जीना चाहते हैं तो टीवी कम देखें
आस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक घंटा टीवी देखने के साथ कैंसर की बीमारी से मृत्यु की संभावना हर बार नौ प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
हर घंटे मृत्यु की संभावना बढ़ी
कहा जा सकता है कि टीवी के सामने लगातार बैठने से हर घंटे मृत्यु की संभावना 11 प्रतिशत तक बढ़ती जाती है। अध्ययन के मुताबिक न केवल टीवी देखने से बल्कि वे सभी काम जिनमें लगातार बैठे रहना पड़ता है वे भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनमें कम्प्यूटर के सामने लगातार बैठे रहना भी शामिल है।
आस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए 8,800 लोगों पर शोध किया। इनमें 3,846 पुरुष और 4,954 महिलाएं शामिल थीं। सभी प्रतिभागियों की आयु 25 वर्ष से अधिक थी और किसी को भी दिल की बीमारी नहीं थी।
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों की टेलीविजन देखने की आदतों के आधार पर उन्हें तीन श्रेणियों में रखा था। इनमें दो घंटे से कम समय तक टीवी देखने वाले, दो से चार घंटे तक टीवी देखने वाले और चार घंटे से अधिक टीवी देखने वाले लोगों की श्रेणियां थीं।
दिल की बीमारी
अगले छह वर्षो के दौरान इनमें से 284 प्रतिभागियों की मौत हो गई। जिनमें से 87 की दिल की बीमारी से और 125 की कैंसर से मौत हुई। शोधकर्ताओं ने पाया कि कैंसर से होने वाली मौतों और टेलीविजन देखने की अवधि के बीच मामूली संबंध था लेकिन दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों और टेलीविजन देखने में सीधा और मजबूत संबंध था।
आस्ट्रेलिया के बेकर आईडीआई हार्ट एंड डायबिटीज इंस्टीट्यूट इन विक्टोरिया के अध्ययनकर्ता डेविड डंस्टन कहते हैं कि मानव शरीर सक्रियता के लिए बना है न कि लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहने के लिए।
डेविड कहते हैं कि तकनीकी, सामाजिक और आर्थिक बदलावों का मतलब यह है कि मानव की सक्रियता कम हुई है। परिणामस्वरूप उनकी ऊर्जा कम खर्च होती है। उन्होंने कहा कि मृत्यु और लंबे समय तक बैठकर करने वाले कामों के बीच गहरा संबंध है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।