'वर्ष 1982 में अगवा किए गए ईरानी राजनयिकों की हत्या'
समीर ने बुधवार को यह बताने से इंकार कर दिया कि राजनयिकों को कैसे अगवा किया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें इस बात की सूचना नहीं है कि अगवा राजनयिकों की हत्या कहां की गई।
समाचार पत्र 'अस सफिर' के अनुसार समीर का वक्तव्य लेबनान में ईरानी राजदूत मोहम्मद रेजा शेइबानी के उस वक्तव्य के बाद आया है, जिसमें उन्होंने लापता राजनयिकों के मामले को सुलझाने के लिए एक संयुक्त समिति के गठन की मांग की थी।
मोहम्मद ने कहा था, "ईरान इस मामले की जांच के लिए ईरानी-लेबनानी समिति के गठन की मांग करता है।"
लेबनान में वर्ष 1982 में इजरायली हमलों के दौरान एलएफ मिलिशिया ने ईरानी राजनयिकों का अपहरण किया था।
पिछले हफ्ते हिजबुल्ला के प्रमुख हसन नसरल्लाह ने कहा था कि लेबनान सरकार लापता चारों राजनयिकों का पता लगाने के लिए कानूनी तौर पर जिम्मेदार थी।
नसरल्लाह ने कहा था कि एलएफ के पास इस रहस्य को सुलझाने की कुंजी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।