आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता : हसीना
उन्होंने अन्य दक्षिण एशियाई देशों के साथ समन्वित कार्रवाई करने का सरकार का संकल्प दोहराया। हसीना ने बुधवार को जातीय संसद में कहा, "आतंकवादियों के खिलाफ की जाने वाली किसी भी कार्रवाई को इस्लाम पर हमला करार दे दिया जाता है। लेकिन यह सही नहीं है। आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता और वे ऐसी हदों से परे काम करते हैं।"
प्रश्नकाल के दौरान एक सांसद के प्रश्न का जवाब देते हुए हसीना ने कहा, "आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने ही चाहिए क्योंकि वे मानवता और धर्म के विरूद्ध कार्य करते हैं।"
समाचार पत्र 'द न्यू एज' के अनुसार उनकी सरकार देश में आतंकवाद पर काबू पाने के लिए कड़े उपाय करने से नहीं हिचकिचाएगी। हसीना ने कहा कि उन्होंने धार्मिक शैक्षिक संस्थानों के प्रशासनों से अपने संस्थानों को उग्रवाद से मुक्त रखने का निर्देश दिया है।
उन्होंने खुफिया एजेंसियों से भी आतंकवादियों के खिलाफ चौकस रहने को कहा है। हसीना ने कहा कि वह सभी मंत्रालयों और प्राधिकरणों को निर्देश दे चुकी हैं कि वे आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए आतंकवादियों, उनके संरक्षकों, उन्हें वित्तीय सहायता देने वालों, और अवैध हथियारों के स्रोत का पता लगाएं।
उन्होंने आतंकवाद को देश की मुख्य समस्या बताया। अगले महीने भारत के विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान आतंकवाद पर मुख्य रूप से चर्चा होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।