हर्षोल्लास से मनाया गया गणतंत्र दिवस (लीड-2)
विजय चौक पर सेना के जवानों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों ने मार्च किया। वहीं विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और सरकारी विभागों की झांकियों ने देश की सांस्कृतिक विविधता की तस्वीर पेश की।
समारोह में भारतीय वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों से आसमान में खूब करतब दिखाए।
इस बार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बाइपास सर्जरी होने के कारण मुख्य समारोह में उनका दायित्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने निभाया।
राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने इंडिया गेट पर तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली। इससे पूर्व एंटनी ने अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि कजाकस्तान के राष्ट्रपति नूर सुल्तान नजरबायेव थे।
समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने 11 सुरक्षाकर्मियों को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया। इनमें मुंबई हमलों के दौरान शहीद हुए पुलिस अधिकारी और सेना के जवान शामिल हैं।
मुंबई में ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में राज्यपाल एस. सी. जमीर ने राष्ट्र ध्वज फहराया और 26 नवंबर को आतंकवादी हमले के शहीदों एवं पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, उनके कैबिनेट के सहयोगी, पुलिस और सशस्त्र सेना के शीर्ष अधिकारी और राजनयिक मौजूद थे।
पिछले साल 26 नवंबर की न भूलने वाली घटना के बावजूद मुंबई लोगों विशेषकर युवाओं और छात्रों ने गणतंत्र दिवस समारोह में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
दूसरी ओर पूर्वोत्तर के तीन राज्यों असम, त्रिपुरा और मणिपुर में अगलाववादियों के बहिष्कार को खारिज करते हुए लोगों ने सोमवार को गणतंत्र दिवस समारोह में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
असम के मुख्यमंत्री तरुण गगोई ने राज्य के प्रमुख शहर गुवाहाटी में कहा, "उग्रवादियों के बहिष्कार की घोषणा के बावजूद भारी संख्या में लोगों ने गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया।"
असम, मणिपुर और त्रिपुरा में चार अलगाववादी संगठनों ने रविवार रात एक बजे से शाम छह बजे तक 17 घंटों के लिए बंद का आह्वान कर रखा है।
गुवाहाटी में असम के राज्यपाल शिवचरण माथुर ने कहा, "मैं सभी उग्रवादी संगठनों से अपील करता हूं कि वे अपनी बंदूकें रख दें और अपनी उचित मांगों पर बातचीत कर मुख्यधारा में लौट जाएं।"
मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने कहा, "उग्रवादी संगठनों के साथ बातचीत के लिए हमारे द्वारा हमेशा खुले हुए हैं। समस्याएं बातचीत से ही सुलझायी जा सकेंगी।" उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में भी हर्षोल्लास से गमतंत्र दिवस मनाया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।