विजयन ने भष्ट्राचार संबंधी आरोपों पर नहीं दी प्रतिक्रिया
मजदूर संघ द्वारा आयोजित एक रैली का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से चर्चा में विजयन ने कहा, "पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाने दीजिए। अभी मैं कुछ भी नहीं कहना चाहूंगा।"
इस बीच, माकपा सचिवालय की गुरुवार को एक बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि इस मामले से राजनीतिक रूप से निपटा जाए।
चौंकाने वाली बात ये है कि राज्य के गृह मंत्री कोदियारी बालाकृष्णन ने इस बात का खुलासा किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से तैयार आरोप पत्र में विजयन का नाम शामिल है। यहां तक कि सीबीआई ने भी इस बात का खुलासा नहीं किया था कि विजयन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जाने वाला है।
उन्होंने कहा था, "सीबीआई ने विजयन के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के लिए राज्यपाल से संस्तुित मांगी है। इसके बाद केरल उच्च न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए जाने की उम्मीद है।"
इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष के नेता ओमन चांडी ने कहा, "बालाकृष्णन ने संविधान का उल्लंघन किया है। वे गृह मंत्री हैं। उन्हें सार्वजनिक तौर पर इस बारे में नहीं बोलना चाहिए था।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल ईकाई के अध्यक्ष पी. के. कृष्णदास ने कहा, "विजयन पर लगे आरोप सत्य हैं यह स्पष्ट हो गया है। उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।"
उधर, राज्य के मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंद अचानक ही गुरुवार का दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
विजयन पर आरोप है कि वर्ष 1997 में उन्होंने एक कनाडियाई कंपनी को ठेका देने के एवज में पैसे लिए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।