विस चुनाव : विदा के बाद लड़की के घर जैसा नजारा है पार्टी दफ्तरों का
भोपाल, 29 नवंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में 27 नवंबर को मतदान होने के बाद सभी पार्टी दफ्तरों का नजारा ठीक वैसा ही है जैसा विदा के बाद लड़की के घर का हाल होता है। कार्यकर्ताओं और नेताओं की चहल पहल से गुलजार रहने वाले दफ्तरों में शुक्रवार को सन्नाटे जैसा आलम रहा। यही स्थिति उम्मीदवारों के घरों की थी।
प्रदेश में लगभग एक माह तक राजनीतिक गहमा गहमी रही। पहले जहां टिकट पाने और कटवाने को लेकर जोर आजमाइश चली, फिर टिकट कटने वालों का पार्टी दफ्तरों से लेकर नेताओं के बंगलों तक पर हुजूम जमा रहा। बात जब टिकट मिलने और नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया से आगे पहुंची तो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का भोपाल में जमघट लग गया।
चुनाव प्रचार के दौरान पूरे एक पखवाड़े भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और भारतीय जनशक्ति के दफ्तरों तथा प्रमुख नेताओं के आवास पर मेला जैसा नजारा रहा। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के स्वागत और सत्कार में कार्यकर्ताओं की भीड़ दफ्तरों में भी पटी रही। मतदान होने के बाद चहलपहल से गुलजार रहने वाले दफ्तर और नेताओं व उम्मीदवारों के आवास की स्थिति लगभग वैसी ही नजर आ रही है जैसी विदा के बाद लड़की के घर का हाल होता है।
कांग्रेस के प्रदेश कमेटी के दफ्तर में प्रदेशाध्यक्ष सुरेश पचौरी सहित कुछ नेता तो पहुंचे मगर हर तरफ चहल पहल का अभाव था। इक्का दुक्का लोग ही नजर आए। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद मालवीय भी मानते हैं कि चुनाव प्रचार ने नेताओं से लेकर उम्मीदवारों तक को थका दिया है और वे अब अपनी थकान मिटाने में लग गए हैं।
कांग्रेस के दफ्तर की ही तरह भाजपा के कार्यालय का नजारा रहा। संगठन महामंत्री माखन सिंह और सह संगठन मंत्री भगवत शरण माथुर के अतिरिक्त एक दो पदाधिकारी ही दफ्तर पहुंचे। कार्यालय प्रभारी बाबा मुजुमदार कहते हैं कि भाजपा उम्मीदवार सुनील नायक का शुक्रवार को अंतिम संस्कार था इसलिए अधिकतर नेता जतारा गए थे। साथ ही वे यह भी मानते हैं कि मतदान और मतगणना के बीच ज्यादा दिन का अंतर है इसलिए दफ्तर में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी पिछले दिनों से कुछ कम रही।
बसपा, सपा, और भाजश के कार्यालयों में भी पिछले दिनों जैसी चहल पहल नजर नहीं आई। हर तरफ सन्नाटे का जोर था और कार्यालयों में प्रभारियों के अलावा नेता नजर नहीं आए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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