विस चुनाव : मध्यप्रदेश में दो मंत्रियों की कारगुजारी बनी भाजपा के लिए मुसीबत
भोपाल, 12 नवंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी मुसीबतें अचानक बढ़ गई हैं। राज्य सरकार के दो मंत्री कमल पटेल और तुकोजीराव पवार के खिलाफ हुई कार्रवाइयों ने पार्टी को बचाव की मुद्रा में ला दिया है। पार्टी के पदाधिकारी पर्यटन मंत्री तुकोजीराव पवार के मसले पर तो बोलने को तैयार है मगर कमल पटेल के मसले पर सभी ने मौन साध रखा है।
हरदा जिले में मार्च माह में हुई घटना में घायल दुर्गेश जाट का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। कांग्रेस नेता राजेन्द्र पटेल की ओर से दायर याचिका में राजस्व मंत्री कमल पटेल, उनके बेटे संदीप पटेल और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अखिलेश झा पर हत्या का आरोप लगाते हुए सी़ बी़ आई़ से जांच की मांग की गई। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सी़ बी़ आई) को जांच के आदेश दे दिए हैं।
मंगलवार को उच्च न्यायालय द्वारा राजस्व मंत्री कमल पटेल के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो सी़ बी़ आई से जांच कराने के आदेश के कुछ ही देर बाद पार्टी के खाते में एक और बुरी खबर आई जब देवास जिले में पर्यटन मंत्री तुकोजीराव पवार को महिला निर्वाचन अधिकारी के कार्य में बाधा उत्पन्न करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में 24 नवंबर तक के लिए जेल भेज दिया गया।
इन दोनों घटनाओं से पार्टी में हलचल मच गई है। हालांकि पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल दवे ने पर्यटन मंत्री पवार के मसले पर पत्रकारों से कहा कि पार्टी पवार के साथ है,लेकिन पटेल के मामले में उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
उधर, कांग्रेस ने इन दोनों मंत्रियों के मामले पर राज्यपाल को पत्र लिख दिया है। इस पत्र में दोनों ही मंत्रियों को बर्खास्त किए जाने की मांग की गई है। पार्टी के प्रवक्ता अरविन्द मालवीय का कहना है कि मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है और वे जेल चले गए हैं इससे ऐसा लगता है कि सरकार ही जेल चली गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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