नक्सली नेता ने ली विहिप नेता लक्ष्मणानंद की हत्या की जिम्मेदारी (संशोधित-पहले पैराग्राफ में छूटा हुआ शब्द जोड़ते हुए)
भुवनेश्वर, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। उड़ीसा के सबसे कुख्यात नक्सली नेताओं में से एक सब्यसाची पांडा ने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या की जिम्मेदारी ली है। लक्ष्मणानंद तथा चार अन्य लोगों की गत 23 अगस्त को हत्या कर दी गई थी।
हत्या के बाद फैली ईसाई विरोधी हिंसा में राज्य के 35 लोगों को जान गंवानी पड़ी और हजारों लोग प्राण रक्षा के लिए घर छोड़ कर जंगलों में चले गए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- माओवादी (सीपीआई-माओवादी) की उड़ीसा इकाई के नेता पांडा ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल पर कहा कि कंधमाल जिले में विहिप नेता और चार अन्य लोगों की हत्या उसके समूह ने की है।
उसने यह चेतावनी भी दी कि यदि कंधमाल में सामुदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार लोग अपनी गतिविधियां बंद नहीं करते तो उनकी भी हत्या कर दी जाएगी।
एक स्थानीय चैनल उड़ीसा टीवी में रविवार सुबह पांडा को यह कहते हुए दिखाया गया, "स्वामी लक्ष्मणानंद विहिप के नेता थे और वे राज्य में ब्राह्मणवाद फैला रहे थे जो लगभग खत्म हो चला था। उन्हें उन भ्रष्ट व्यापारियों का समर्थन प्राप्त था जो गरीबों का शोषण करते हैं। "
पांडा ने कहा, "हिंदूवादी संगठन अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं। आदिवासी हिंदू नहीं हैं वे प्रकृति के उपासक हैं। अभी कंधमाल में पांच लाख हिंदू हैं और यह संख्या ऐसी ही ताकतों के कारण बढ़ रही है। इसीलिए हमने लक्ष्मणानंद के लिए मौत की सजा तय की।"
जब टीवी पर एक पत्रकार ने पांडा से पूछा कि क्या वह विहिप नेता की हत्या के बाद राज्य में फैली हिंसा का जिम्मेदार है? इस पर पांडा ने कहा कि विहिप, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना वोट बैंक मजबूत करने के लिए हिंसा भड़काई।
पांडा ने अल्पसंख्यकों की रक्षा में असफल रहने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की भी आलोचना की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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