विचारों से भरपूर है 13 वर्षीय लेखिका
नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। एक नवोदित उपन्यासकार की क्या उम्र होनी चाहिए शायद 20 वर्ष., 25 वर्ष. या 30 वर्ष लेकिन अस्मिता गोयनका ने तो मात्र 13 वर्ष की उम्र में अपना पहला उपन्यास पूरा कर लिया है और वो दो अन्य किताबों की पांडुलिपि पर काम कर रही हैं।
नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। एक नवोदित उपन्यासकार की क्या उम्र होनी चाहिए शायद 20 वर्ष., 25 वर्ष. या 30 वर्ष लेकिन अस्मिता गोयनका ने तो मात्र 13 वर्ष की उम्र में अपना पहला उपन्यास पूरा कर लिया है और वो दो अन्य किताबों की पांडुलिपि पर काम कर रही हैं।
अस्मिता ने मिस्टीक टेंपल नामक अपने पहले उपन्यास के खलनायक को पृथ्वी के वातावरण का दुश्मन दर्शाया है जो जलवायु परिवर्तन के सहारे इसे नष्ट कर देना चाहता है।
अस्मिता का उपन्यास पांच स्कूली छात्राओं की कथा कहता है जो एक प्राचीन मंदिर के खंडहरों में जाने का साहस करती हैं। जिसके बाद उन्हें खलनायक माल्विगो से अपनी धरती को बचाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उठानी पड़ती है।
अस्मिता ने आईएएनएस से कहा, "मैंने अपने उपन्यास के पात्रों के नाम के लिए खासा शोध किया। माल्विगो नाम मैंने स्पेनी भाषा से लिया है जिसका अर्थ है शैतान।"
उल्लेखनीय है कि अस्मिता के दादा कमल किशोर गोयनका खुद एक जाने माने लेखक हैं और उसने उन्हीं की प्रेरणा से लिखना शुरू किया। अस्मिता के माता पिता सबसे कम उम्र लेखिका के रूप में उसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज कराने का विचार कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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