दिल्ली विस्फोट : 'खून से लथपथ पड़े थे लोग'
नई दिल्ली, 13 सितम्बर (आईएएनएस)। एक धमाका हुआ और उन्होंने लोगों को खून से लथपथ पड़े हुए देखा। घटनास्थल से महज 50 मीटर दूर खड़े कंपनी कार्यकारी रोहित तिवारी ने ऐसा भयावह दृश्य पहली बार देखा था।
तिवारी का दफ्तर नई दिल्ली में कनाट प्लेस के बाराखंभा रोड स्थित गोपालदास भवन जहां यह धमाका हुआ, के पीछे है। धमाके के वक्त वे अपने दफ्तर से बाहर निकल रहे थे। उन्होंने कहा, "इससे पहले मैंने इस तरह के धमाकों का प्रभाव टेलीविजन पर देखा था, लेकिन पहली बार मैंने इसे अपनी आंखों से देखा है। मुझे जीवन में पहली बार इस तरह का आघात लगा है।"
बाराखंभा क्रॉसिंग, नई दिल्ली के उन पांच जगहों में से एक है, जहां शनिवार शाम एक के बाद एक पांच बम धमाके हुए। इन धमाकों में कम से कम 18 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हो गए हैं।
तिवारी ने कहा, "धमाका तकरीबन शाम 6.30 बजे हुआ। यह धमाका सड़क के किनारे पड़े कचड़े के एक डिब्बे में हुआ, वहां कम से कम दो ऑटो रिक्शा दहक रहे थे।"
उन्होंने कहा, "सफेद शर्ट पहना हुए एक आदमी जो धमाकों से कुछ ही देर पहले वहां खड़ा था, धमाकों के बाद जमीन पर पड़ा हुआ था। मैं समझता हूं कि धमाके के वक्त कचड़े के डिब्बे के निकट खड़े कम से कम तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी।"
पुलिस का कहना है कि वहां दो लोगों की मौत हुई है।
तिवारी का कहना है कि जो कुछ भी हुआ, उस पर वे भरोसा नहीं कर पा रहे। वे समझते हैं कि धमाके कम तीव्रता वाले थे। सड़क के किनारे खड़े ज्यादातर लोग घायल हो गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।