भारत अफगानिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद देगा(लीड-1)
नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। भारत ने काबुल स्थित अपने दूतावास पर हमले के बावजूद अफगानिस्तान में जारी पुनर्निर्माण कार्यों के लिए सोमवार को उसे 45 लाख डॉलर की अतिरिक्त सहायता राशि देने की घोषणा की। साथ ही दोनों देशों ने आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करने का संकल्प व्यक्त किया है।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। भारत ने काबुल स्थित अपने दूतावास पर हमले के बावजूद अफगानिस्तान में जारी पुनर्निर्माण कार्यों के लिए सोमवार को उसे 45 लाख डॉलर की अतिरिक्त सहायता राशि देने की घोषणा की। साथ ही दोनों देशों ने आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करने का संकल्प व्यक्त किया है।
भारत की यात्रा पर आए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ व्यापक मसलों पर बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, "यह हमला भारत और अफगानिस्तान की मैत्री पर किया गया था। हम आतंकवाद का सामना एकजुट होकर और प्रतिबद्धता के साथ करेंगे।"
प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान को लोकतांत्रिक, स्थिर देश बनाने के प्रयासों में भारत की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण कार्यो के लिए 45 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी सभी प्रतिबद्धताएं पूरी करेगा।
भारत की इस ताजा घोषणा के साथ ही अफगानिस्तान को उसकी ओर से मिलने वाली सहायता राशि 1.2 अरब डॉलर हो जाएगी और वह अफगानिस्तान के लिए प्रमुख दानदाता देशों में शुमार हो जाएगा।
आतंकवाद के खिलाफ एक जुट होकर संघर्ष करने का आह्वान करते हुए करजई ने "अफगानिस्तान के इतिहास के इस अहम मोड़ पर" इस सहायता के लिए भारतीय जनता का आभार व्यक्त किया।
करजई ने कहा, "भारत अफगानिस्तान का महत्वपूर्ण सहयागी है तथा पुननिर्माण के उसके प्रयासों में हमेशा अग्रणी रहा है।" करजई ने सड़क और स्कूल की इमारत बनाने से लेकर बांध निर्माण तक, संसद की इमारत बनाने और बिजली की ट्रांसमिशन लाइन बिछाने जैसे कार्यो में भारत के योगदान की चर्चा की। इन कार्यों में भारत के करीब तीन हजार लोग संलग्न हैं।
दोनों नेताओं ने काबुल स्थित भारतीय दूतावास तथा हेरात, कंधार, जलालाबाद और मजार ए शरीफ स्थित वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने तालिबान के खतरे के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी करने पर सहमति व्यक्त की।
भारत को अफगानिस्तान में राहत कार्य करने से रोकने के लिए हिंसा का सहारा लेने वालों को स्पष्ट संकेत देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि वह जल्द ही जारंग-देलारम सड़क अफगानिस्तान को सौंपेंगे। इस सड़क को निशाना बनाकर तालिबानियों ने कई हमले किए थे।
इस सड़क को भारत-अफगानिस्तान मैत्री का प्रतीक बताते हुए मनमोहन सिंह ने कहा ,"यह सड़क दोनों देशों के लोगों को करीब लाई है। यह सड़क इसके निर्माण के दौरान हमले में मारे गए भारतीय और अफगान लोगों के प्रति श्रद्धांजलि है।"
इस सड़क के उद्घाटन के लिए विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी अफगानिस्तान जा सकते हैं।
करजई ने कहा कि अफगानिस्तान और भारत दोनों ही आतंकवाद की चुनौती का समान रूप से मुकाबला कर रहे हैं। करजई ने कहा, "दोनों देशों और विश्व के पास आतंकवाद का एकजुट होकर मुकाबला करने की बजाए और कोई विकल्प नहीं है। अफगानिस्तान आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में अपने विरोधियों के साथ दृढ़ता से खड़ा है।"
भारत में शिक्षा ग्रहण कर चुके करजई ने कहा कि आतंकवाद का खात्मा करना क्षेत्र के सभी देशों तथा दुनिया की नैतिक जिम्मेदारी है।
भारत और अफगानिस्तान ने काबुल दूतावास पर हुए हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने का आरोप लगाया है। इस हमले में एक भारतीय राजनयिक, एक रक्षा प्रतिनिधि और 50 अन्य लोग मारे गए थे। अमेरिकी अधिकारियों ने भी खुफिया सूत्रों के हवाले से इस हमले के पीछे पाकिस्तानी हाथ होने का संकेत दिया है। पाकिस्तान ने इस आरोप को गलत बताया है और इसकी स्वतंत्र जांच कराने की पेशकश की है।
करजई श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग सम्मेलन(सार्क) के 15 वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद रविवार को भारत की दो दिन की सरकारी यात्रा पर आए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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