स्टाक सीमा निर्धारित करने के मामले में नरम पड़ी मायावती सरकार
लखनऊ, 1 जून (आईएएनएस)। व्यापारियों के प्रबल विरोध के मद्देनजर स्टाक सीमा निर्धारित करने के मामले में मायावती सरकार ने आज अपने कदम पीछे खींच लिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत किसी भी व्यापारी के खिलाफ मुकदमा नहीं दर्ज किया जाएगा।
मायावती ने आज संवाददाताओं को बताया कि इस बाबत सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। गौरतलब है कि 25 मई को प्रशासन ने गेहूं, दाल, चावल और तिलहन जैसे आवश्यक वस्तुओं के संबंध में स्टाक सीमा निर्धारित कर दी थी। सरकार के इस फैसले का व्यापारियों ने जबर्दस्त विरोध किया था।
मायावती ने 29 मई को कहा था कि स्टाक सीमा तय करने का फैसला केंद्र सरकार का था और राज्य सरकार ने केवल इसे लागू किया है।
लेकिन उन्होंने आज कहा कि नया आदेश 31 मई से प्रभावी होगा और स्टाक सीमा निर्धारित किए जाने के मामले में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत मुकदमें दर्ज नहीं किए जाएंगे। सरकार के इस आदेश का अर्थ निकाला जा रहा है कि स्टाक सीमा उल्लंघन करने के मामले में अब किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि जमाखोरी पर नियंत्रण भी बना रहे और छोटे व्यापारियों का उत्पीड़न भी न हो।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।