मीणा समुदाय ने गुर्जर आंदोलन से बनाई दूरी
बयाना (राजस्थान), 1 जून (आईएएनएस)। राजस्थान में गुर्जर समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर पिछले साल विरोध करने वाला मीणा समुदाय इस बार गुर्जर आंदोलन से दूरी बनाए हुए है।
बयाना (राजस्थान), 1 जून (आईएएनएस)। राजस्थान में गुर्जर समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर पिछले साल विरोध करने वाला मीणा समुदाय इस बार गुर्जर आंदोलन से दूरी बनाए हुए है।
गुर्जरों के अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर मीणा समुदाय का कहना है कि वह इस श्रेणी में गुर्जरों को हिस्सा देने के लिए तैयार नहीं हैं।
मीणा समुदाय के प्रमुख नेता किरोड़ी सिंह मीणा ने आईएएनएस से कहा, "गुर्जरों के प्रदर्शनों में हम दखल नहीं देंगे। पिछले वर्ष जो कुछ भी हुआ उसे हम दुर्भाग्यपूर्ण घटना मानते हैं। "
राजस्थान सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके मीणा ने कहा, "हम अपने समुदाय के लोगों से अपील करते हैं कि वे शांति बनाए रखें। गुर्जरों के साथ हमें संघर्ष नहीं करना चाहिए।"
उन्होंने गुर्जर समुदाय से अपील करते हुए कहा, "हम गुर्जर भाइयों से अपील करते हैं कि वे राज्य में हिंसा पर लगाम कसें। पिछले वर्ष उनके 26 लोग मारे गए थे और इस वर्ष 39 मारे जा चुके हैं। इन सभी के पीछे उनके नेता किरोड़ी सिंह बैंसला की जिद है।"
मीणा ने कहा कि वह चाहते हैं कि राज्य में गुर्जरों का विरोध जल्दी से जल्दी समाप्त हो। दरअसल, गुर्जर समुदाय 23 मई से ही राज्य में रेल व सड़क यातायात में बाधा पहुंचा रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष गुर्जरों ने अपने विरोध प्रदर्शनों का केंद्र मीणा बहुल इलाकों को बनाया था लेकिन इस बार वे गुर्जर बहुल इलाके भरतपुर को अपना केंद्र बनाए हुए हैं।
गुर्जरों को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग पर मीणा ने कहा, "न्यायाधीश जसराज चोपड़ा समिति के विचारों से हम सहमत हैं। जो कुछ हो वह संविधान के अनुसार ही होना चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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