मंत्री के बयान से गरमाई मध्य प्रदेश की राजनीति
भोपाल, 28 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा आरक्षण मांगने वालों को भिखारी कहे जाने पर राज्य की राजनीति गरमा गई है। इस टिप्पणी को संवैधानिक व्यवस्था का अनादर करार देते हुए कांग्रेस ने जहां कृषि मंत्री का इस्तीफो मांगा है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस की इस मांग को निराशा और हताशा का परिचायक बताते हुए भार्गव का बचाव किया है।
कृषि मंत्री भार्गव ने 'आरक्षण भिखारी मांगते हैं, ब्राह्मण नहीं' कहकर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं और एक दूसरे पर ही आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुट गए हैं।
भार्गव के इस बयान के खिलाफ कांग्रेस ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश पचौरी ने भार्गव के बयान को संवैधानिक व्यवस्था का अनादर करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि भार्गव ने आरक्षित वगोर्ं को 'भिखारी' कहकर उनकी अवमानना की है।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में दिए गए बयान को कांग्रेस सिर्फ 'मंत्री के दिमाग की उपज' मानने को तैयार नहीं है। पचौरी का कहना है कि यह बयान भाजपा की अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता की परिचायक है।
कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने भार्गव पर संविधान की उस शपथ की अवज्ञा का आरोप भी लगाया है, जो उन्होंने मंत्री पद की शपथ में ली थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से भार्गव को मंत्री पद से हटाने की मांग की है।
वहीं, दूसरी ओर भाजपा को कांग्रेस की यह मांग बेतुकी लग रही है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि भार्गव ने जो बयान दिया है, उससे किसी भी तरह से संविधान का अनादर नहीं होता है। कांग्रेस तो विपक्ष में होने के कारण हताश व निराश हो चुकी है। उनके दिमाग का यह दीवालियापन है, जो वे मंत्री के बयान पर बवाल कर रहे हैं। भार्गव को अपनी बात कहने का अधिकार है और उन्होंने किसी पर आक्षेप लगाए बगैर अपनी बात कही है। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।