पाक में राजनीतिक अनिश्चितता से शांति प्रक्रिया हो सकती है बाधित
नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। भारत का आधिकारिक रुख यह है कि पाकिस्तान में चाहे जो भी सत्ता में हो, दोतरफा बातचीत की प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन सच यह है पाकिस्तान में सत्तारूढ़ गठबंधन के दो प्रमुख घटकों पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के बीच टकराव का साया भारत-पाक शांति प्रक्रिया पर पड़ रहा है।
नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। भारत का आधिकारिक रुख यह है कि पाकिस्तान में चाहे जो भी सत्ता में हो, दोतरफा बातचीत की प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन सच यह है पाकिस्तान में सत्तारूढ़ गठबंधन के दो प्रमुख घटकों पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के बीच टकराव का साया भारत-पाक शांति प्रक्रिया पर पड़ रहा है।
पाकिस्तान में पैदा हुई राजनीतिक अनिश्चितता से भारत सरकार चिंतित है। साउथ ब्लॉक के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, "हम पाकिस्तान के घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए हैं, क्योंकि इसका शांति प्रक्रिया पर सीधा असर पड़ रहा है।" उपरोक्त दोनों दलों के बीच खींचतान से राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का भविष्य भी सवालों के घेरे में है। पीएमएल-एन मुशर्रफ को राष्ट्रपति के पद से हटाए जाने की मांग पर अड़ा है।
साउथ ब्लॉक के अधिकारियों का मानना है कि अगर दोनों दलों के बीच टकराव जारी रहा तो मुशर्रफ को अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका मिल जाएगा। यही नहीं, राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ने से सेना को दखल देने का मौका मिल जाएगा। सेना अब तक राजनीति से मर्यादित दूरी बनाए हुए है।
साउथ ब्लॉक के अधिकारी इससे चिंतित हैं कि शांति प्रक्रिया के पटरी पर होने के बावजूद अब तक किसी भी प्रमुख मुद्दे पर कोई सार्थक प्रगति नहीं हुई है। एक सूत्र ने कहा, "शांति प्रक्रिया भले ही अभी भी पटरी पर है, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या इसका कोई सकारात्मक नतीजा सामने आएगा।" पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल कहते हैं, "कोई भी कमजोर सरकार सख्त निर्णय नहीं ले सकती। अनिश्चितता से निर्णय लेने की पाक सरकार की क्षमता प्रभावित होगी। "
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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