पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि तय (लीड)
नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)। तेल की कीमतों में तेजी के मद्देनजर तेल कंपनियों पर बढ़ रहे दबाव को कम करने के लिए गैसोलिन व डीजल की खुदरा कीमतों में कमी करने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री आवास पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक चल रही है।
विभिन्न प्रशासनिक व मौद्रिक उपायों के बावजूद महंगाई दर पर नियंत्रण में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाने की वजह से सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में तेजी के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
इससे पहले केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) से आज जारी आंकड़ों के अनुसार इस महीने की 10 तारीख को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति की दर मामूली गिरावट के साथ 7.82 फीसदी पर आ गई। इससे पहले तीन मई को समाप्त हुए सप्ताह में यह दर 7.83 फीसदी थी।
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति की दर में मामूली गिरावट उस समय आई है जब दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। आंकड़ों के अनुसार ईंधन से संबंधित सूचकांक में आलोच्य अवधि के दौरान 7.39 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। विमानन ईंधन की कीमतों में 10 फीसदी की तेजी आई।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार तेल की कीमतों में तेजी, औद्योगिक उत्पादन दर में कमी व पूंजी के अंतप्र्रवाह में जारी गिरावट के मद्देनजर महंगाई दर को काबू में करना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। क्रूड के स्टाक में आई कमी के मद्देनजर लंदन स्थित आईसीई वायदा में गुरुवार को ब्रेंट क्रूड का जुलाई वायदा 135.14 डालर प्रति बैरल की नई ऊंचाई पर दर्ज किया गया।
न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नाइमेक्स के इलेक्ट्रानिक कारोबार में भी तेल का जुलाई वायदा 135.09 डालर प्रति बैरल के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया। तेल की कीमतों में रिकार्ड तेजी की वजह से देश की तेल कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
डालर की तुलना में रुपये में जारी कमजोरी से भी महंगाई को नियंत्रित करने में सरकार को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। महीने की शुरुआत से डालर की तुलना में रुपये में 5 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में गुरुवार को एक डालर 43 रुपये के ऊपर दर्ज किया गया।
इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आशा व्यक्त की है कि आगामी सितंबर तक कीमतों में गिरावट शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए पिछले दिनों जो प्रयास किए गए थे उनके परिणाम कुछ समय बाद दिखेंगे।
गुरुवार को प्रधानमंत्री निवास में आयोजित समारोह में यूपीए सरकार में शामिल घटकों की मौजूदगी में मनमोहन सिंह ने कहा कि एनडीए सरकार के दौरान मुद्रास्फीति की दर 6 फीसदी तक पहुंच गई थी लेकिन उसे हमने 3 फीसदी तक बनाए रखने में कामयाबी हासिल की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।