प्रणब ने की मुशर्रफ से मुलाकात, शांति प्रक्रिया पर चर्चा (लीड)
इस्लामाबाद, 21 मई (आईएएनएस)। भारतीय विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से मुलाकात में कश्मीर सहित द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के साथ ही शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
इस्लामाबाद, 21 मई (आईएएनएस)। भारतीय विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से मुलाकात में कश्मीर सहित द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के साथ ही शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि मुशर्रफ ने प्रणब को रावलपिंडी में भेंट के लिए आमंत्रित किया था। विदेश मंत्री ने सीमा पार आतंकवाद के बारे में भारतीय चिंता से अवगत कराने के साथ ही इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद और हिंसामुक्त वातावरण से ही विश्वास का वातावरण तैयार होगा। इससे शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मुशर्रफ ने हमेशा की तरह अपने फार्मूले पर जोर दिया जिसमें कश्मीर में स्वशासन, वहां से भारतीय सेना की वापसी और कश्मीर के दोनों हिस्सों का संयुक्त निरीक्षण शामिल है। इन प्रस्तावों का कभी भी आधिकारिक रूप से जिक्र नहीं किया गया लेकिन मीडिया में इसकी काफी चर्चा है।
भारत ने सीमा पर व्यापार बढ़ाने के और जम्मू और कश्मीर के दोनों हिस्सों के लोगों के बीच आवागमन बढ़ाने के उपायों पर विशेष बल दिया।
राष्ट्रपति पद के लिए दुबारा निर्वाचित होने के बाद मुशर्रफ की किसी भारतीय मंत्री से यह पहली मुलाकात थी।
उधर, समाचार पत्रों ने दोनों देशों की जेलों में बंद कैदियों से उनके राजनयिकों को मिलने की अनुमति देने संबंधी समझौते की संभावना व्यक्त की है। समझौते में यह भी प्रावधान है कि कैदी की सजा पूरी करने के एक महीने के भीतर उसे रिहा कर दिया जाएगा ताकि वह अपने देश वापस लौट सके।
समाचार पत्र 'द न्यूज' ने बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा है कि यह समझौता दोनों देशों के विदेश मंत्रियों प्रणब मुखर्जी और शाह महमूद कुरैशी द्वारा संयुक्त वार्ता प्रक्रिया की समीक्षा के बाद बुधवार को जारी संयुक्त बयान का हिस्सा हो सकता है।
दोनों देशों के विदेश सचिवों की मंगलवार को हुई वार्ता में भी कुछ प्रस्तावों पर सहमति कायम हुई थी। ये प्रस्ताव भी विदेश मंत्रियों के साक्षा बयान का हिस्सा हो सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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