नेतृत्व से अर्जुन की कड़वाहट की छाप, समर्थक नेता रहे नदारद
लखनऊ , 21 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेतृत्व के साथ धूप छांव का खेल खेल रहे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह द्वारा आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत के दौरान नेतृत्व से रिश्तों की छाया तैरती रही।
दस मिनट के अपने संबोधन में जहां अर्जुन सिंह ने एक बार भी प्रधानमंत्री डा़ मनमोहन सिंह का नाम नहीं लिया, वहीं अर्जुन सिंह के कट्टर समर्थक माने जाने वाले कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कार्यक्रम से अलग रहे।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री आज प्रदेश कांग्रेस समिति के पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा आयोजित राजीव गांधी श्रद्घांजलि सभा में भाग लेने आए थे। उन्होंने रस्मी तौर पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व का जिक्र किया और उन लोगों को सिरफिरा करार दिया जो कहते हैं कि उच्च शिक्षा में पिछड़ों के लिए आरक्षण देने के फैसले को कांग्रेस के भीतर ही समर्थन नहीं प्राप्त था।
अर्जुन सिंह ने कहा कि अगर ऐसा होता तो इस विधेयक को पहले मंत्रिमंडल और फिर संसद की मंजूरी सर्वसम्मति से कैसे मिलती। उन्होंने एक बार फिर सफाई दी और कहा कि उच्च शिक्षा में आरक्षण लागू करने से अगड़ों का कोई नुकसान नहीं हुआ है और यह फैसला देश के साथ-साथ स्वयं कांग्रेस पार्टी के भी हित में है।
खास बात यह रही कि आज के कार्यक्रम में अर्जुन सिंह के समर्थक कई प्रमुख नेता नदारद थे, जिनमें प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जगदम्बिका पाल और अरुण कुमार सिंह मुन्ना, पूर्व सांसद संतोष सिंह सहित कई अन्य नेता शामिल थे। कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता प्रमोद तिवारी पांच मिनट में भाषण देकर कर चले गए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को आना था लेकिन वह नहीं आए। प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते डा़ रीता बहुगुणा जोशी को मौजूद रहना था और वह रहीं भी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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