मध्यप्रदेश में गेहूं की फर्जी खरीद का भंडाफोड़
भोपाल, 21 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की कृषि उपज मंडियों के कर्मचारियों और बिचौलियों के बीच चल रही सांठ-गांठ का भंडाफोड़ हुआ है। होशंगाबाद की इटारसी मंडी में फर्जी तरीके से 16 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई है। जांच के बाद घोटाले में शामिल कर्मचारियों और बिचौलियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं।
इटारसी मंडी में चल रही गड़बड़ी की शिकायत लंबे समय से प्रशासन को मिल रही थी। इन्हीं शिकायतों के आधार पर मंगलवार शाम होशंगाबाद के जिलाधिकारी जी़ पी़ तिवारी ने मंडी में छापा मारा तो यहां चल रहे घोटाले का खुलासा हुआ।
जानकारी के मुताबिक मंडी के कागजातों में 19 मई को 24 हजार 990 क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई थी जबकि मौके पर सिर्फ 4 हजार 470 क्विंटल गेहूं ही पाया गया। इससे 16 हजार क्विंटल गेहूं को फर्जी तरीके से खरीदे जाने का मामला सामने आया। मौके पर तैनात मंडी निरीक्षक डी़ क़े शर्मा ने भी स्वीकारा है कि गेहूं क्रय करने में अनियमितता बरती गई है।
जांच में पाया गया कि मंडी के कर्मचारियों और गेहूं क्रय करने वाले बिचौलियों ने सांठ गांठ करके फर्जी प्रवेशपत्र और अनुबंधपत्र भी तैयार कर रखा था। नीलाम पंजी, आगमन पंजी का अवलोकन किया गया तो पता चला कि क्रय गेहूं की मात्रा बढ़ाने की प्रविष्टियां की गई हैं, जिससे समर्थन मूल्य पर हो रही गेहूं खरीदी में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ियां सामने आई।
इसमें मंडी के कर्मचारियों तथा समर्थन मूल्य में गेहूं खरीदने वाले कई बिचौलिए शामिल हैं। जिलाधिकारी ने इन सबों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं।
आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार मंडी के कर्मचारी और बिचौलिए फर्जी तौर पर कागजी खानापूर्ति करने के बाद किसानों से औने-पौने दाम पर गेहूं खरीद कर मंडी तक ले आते हैं। इस तरह सरकारी दर और किसानों से खरीदे गए गेहूं की कीमत में अंतर होता है और यही अंतर इन लोगों की जेब भर देता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।