न्यायालय का अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने पर जोर
नयी दिल्ली.20जनवरी.वार्ता1उच्चतम न्यायालय ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं के बढते व्यावसायीकरण के मद्देनजर सरकारी और धमार्थ अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने पर जोर दिया है
न्यायमूर्ति एएन अग्रवाल.न्यायमूर्ति पीपी नाआेलेकर और न्यायमूर्ति आर वी रवीन्द्रन की पीठ ने एक निजी चिकित्सक को किसी मरीज की इच्छा के बगैर उसकी शल्य शिकित्सा क रने का दोषी ठहराते हुए अपने फ्ैसले में कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सरकार की आेर से और ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है
पीठ ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में जहां लाखों गरीब और निरक्षर लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तरसते हैं वहां इन सेवाओं को आमजन के लिए सस्ता और सुलभ बनाने की बेहद जरूरत है
न्यायालय ने सरकारी और धमार्थ अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश में ऐसे लोगों की तादाद बहुत है जिन्हें चिकित्सा सुविधाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है लेकिन दुर्भाग्यवश इनका बडा हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता है1ये लोग निरक्षर होने के कारण चिकित्सा प्रक्रियाओं .रोग .उसके निदान की पद्धतियों आदि के बारे में कुछ नहीं जानते ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि सरकार इस आेर विशेष ध्यान दे और इन्हें सस्ती दरों मे आसानी से चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराए
मधूलिका.संजीव नंद1512 वार्ता