हलफनामा वास्तव में आपत्तिजनक था: पचौरी
बिलासपुर ् छत्तीसगढ 14 अक्टूबर .वार्ता. केन्द्रीय कार्मिक एवं संसदीयकार्य राज्यमंत्री सुरेश पचौरी ने आज यहां कहा कि भारतीय पुरातात्विकसवर्ेक्षण विभाग .एएसआई. द्वारा उच्चतम न्यायालय में पेश किया गयाहलफनामा वास्तव में आपत्तिजनक था
बिलासपुर के पास कोटा में एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने आयेश्री पचौरी ने पत्रकारों से कहा कि रामसेतु के संबंध में उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किए गए एएसआई के हलफनामा में पैरा सात एवं बीस में हम सबके आराध्य भगवान श्रीराम के बारे में जो टिप्पणी की गई वहनिश्चित रूप से आपत्तिजनक और अनावश्यक थी 1 उन्होने बताया कि इसी कारण कांग्रेस अध्यक्ष सोनियागांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने न केवल आपत्तिजनक अंशोंको हटवाया बल्कि उस हलफनामे को ही वापस लेने के निर्देश दिए
रामसेतु मुद्दे को लेकर भाजपा के विरोध पर केन्द्रीय मंत्री ने कहाकि सेतुसमुद्रम परियोजना को भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांति्रक गठबंधन .राजग. सरकार ने ही हरी ण्डी दिखाई थी 1 वर्ष 2001 में श्री अरूण जेटली ने जहाजरानी मंत्री के रूप में नीरी नामक शोध संस्थान को इस बारे में अध्ययन करने को कहा था 1 श्री पचौरी ने बताया कि 23 अक्टूबर 2002 को नीरी का प्रस्तावमिलने पर श्री जेटली के बाद के जहाजरानी मंत्री वेदप्रकाश गोयल औरश्री शत्रुघ्न सिन्हा ने परियोजना को आंशिक फेरबदल के साथ शुरू करने कीअनुमति दी थी1 श्री सिन्हा ने तो 23 सितम्बर 2003 को तत्कालीनप्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की तरफ से संसद में कहा था किसेतुसमुद्रम परियोजना उसी रूप में लागू की जायेगी
राजपूत आशा रामलाल1727वार्ता