UPPSC: प्रोफेसर भर्ती 2015 का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दिए भर्ती शुरू करने के आदेश
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिये होने वाली प्रोफेसर भर्ती 2015 का रास्ता अब साफ हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 की प्रोफेसर भर्ती पर रोक लगाने की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने भर्ती को जल्द से जल्द पूर्ण करने को कहा है और सभी नियमों का पालन करने का भी निर्देश दिया है।
बता दें कि 2015 में प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर के खाली पदो को भरने के लिए भर्ती शुरू हुई थी। इसका विज्ञापन भी जारी हुआ और प्रक्रिया भी शुरू हुई ही थी। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इस पर विभिन्न कारणों से रोक लगाने की मांग की गई। याचिका में उम्र सीमा व आरक्षण आदि को कारण बताते हुए इस भर्ती पर रोक लगाने की दलीलें दी गई थी। हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो मामला अधर में लटक गया और अब जाकर इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है और 3 साल बाद फिर से यह भर्ती शुरू होने जा रही है।
45
पद
पर
होगी
भर्ती
प्रदेश
के
एलोपैथी
राजकीय
मेडिकल
कॉलेजों
में
45
प्रोफेसरों
की
जगह
खाली
थी।
इन
पदों
को
भरने
के
लिए
2015
में
उत्तर
प्रदेश
लोक
सेवा
आयोग
ने
विज्ञापन
जारी
किया
था।
लेकिन
आयु
सीमा
व
आरक्षण
नीति
के
मानक
को
भर्ती
में
पूरा
न
किये
जाने
को
आधार
बना
कर
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
याचिका
दाखिल
कर
दी
गई
थी
और
यह
भर्ती
अधर
में
लटक
गई
थी।
याचिका
पर
जस्टिस
पंकज
मित्तल
व
जस्टिस
सरल
श्रीवास्तव
की
खंडपीठ
ने
अंतिम
सुनवाई
शुरू
की
तो
अपना
पक्ष
रखते
हुए
उत्तर
प्रदेश
लोक
सेवा
आयोग
ने
न्यायालय
को
बताया
कि
विज्ञापन
सरकार
के
अधिचायन
और
एमसीआई
एक्ट
के
प्रावधानों
के
मुताबिक
जारी
किया
गया
था।
जिसमें
कोई
कमी
नहीं
थी।
हाईकोर्ट
ने
दोनों
पक्षों
की
दलील
सुनने
व
उपलब्ध
कराये
गए
अभिलेखों
के
अवलोकन
के
बाद
भर्ती
पर
रोक
लगाने
वाली
डॉ.
राजेंद्र
चौधरी
व
अन्य
की
याचिका
को
खारिज
कर
दिया
है।