अग्निपथ योजना: एयरफोर्स में आए रिकॉर्ड आवेदन, जानें कब है एग्जाम और कब आएगी फाइनल लिस्ट
केंद्र सरकार की नई अग्निपथ योजना के तहत उम्मीदवारों ने रिकॉर्ड आवेदन किए हैं। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि यह अब तक का सबसे अधिक आवेदन है।
नई दिल्ली, 06 जुलाई : केंद्र सरकार की नई अग्निपथ योजना के तहत उम्मीदवारों ने रिकॉर्ड आवेदन किए हैं। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि यह अब तक का सबसे अधिक आवेदन है। IAF द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अब तक कुल 7 लाख 49 हजार 899 (7,49,899) उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वालों को अग्निवीरवायु कहा जाएगा।
24 जुलाई से 31 जुलाई के बीच ऑनलाइन परीक्षा
उम्मीदवारों को अब 24 जुलाई से 31 जुलाई के बीच ऑनलाइन परीक्षा देनी होगी। पास होने वालों को अगस्त से नवंबर के बीच मेडिकल टेस्ट देना होगा। सेलेक्टेड उम्मीदवारों की सूची दिसंबर की शुरुआत में घोषित की जाएगी। 30 दिसंबर से इसका कोर्स शुरू हो जाएगा। अग्निपथ योजना के तहत सरकार ने घोषणा की थी कि वह इस साल 46 हजार उम्मीदवारों की भर्ती करेगी। जिसमें से थलसेना 40 हजार, नौसेना में 3 हजार और वायुसेना में 3 हजार भर्ती की जाएगी।
ऑनलाइन पंजीकरण 1 जुलाई से शुरू
सेना और नौसेना के उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 1 जुलाई से शुरू हो गया है। सेना अगस्त में भर्ती रैलियों को शुरू करेगी, इसके बाद सेना की भर्ती कार्यक्रम के अनुसार 16 अक्टूबर से 13 नवंबर के बीच एक सामान्य प्रवेश परीक्षा होगी। चयनित उम्मीदवार दिसंबर में प्रशिक्षण केंद्रों पर रिपोर्ट करेंगे। सेना के अग्निवीरों का पहला सेट जुलाई 2023 में उनकी इकाइयों में शामिल होगा। नौसेना भी इसी तरह की टाइमलाइन का पालन करेगी।
विरोध करने वालों की आशंकाएं निराधार
सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के महानिदेशक एयर मार्शल अनिल चोपड़ा (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अग्निपथ के तहत आईएएफ को मिली अभूतपूर्व प्रतिक्रिया साबित करती है कि योजना का विरोध करने वालों की आशंकाएं निराधार थीं।
देश की सेवा करने का एक बड़ा अवसर
चोपड़ा ने कहा कि लोगों को अभी भी लगता है कि उनके पास नई योजना के माध्यम से देश की सेवा करने का एक बड़ा अवसर है। वे प्रतिस्पर्धा करने और स्थायी वायु योद्धा बनने के लिए काफी मेहनत करेंगे।
14 जून को अग्निपथ योजना लॉन्च
बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 जून को अग्निपथ योजना को लॉन्च किया था। इस योजना में चार साल तक नौकरी करने का प्रावधान है। चार साल के बाद उन्हें रिटायर कर दिया जाएगा। साथ ही पेंशन भी नहीं मिलेगी। इस योजना के लॉन्च के बाद देश के कई राज्यों में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ था। हिंसक प्रदर्शन में कई ट्रेन को फूंक दिया गया था। रेलवे संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया गया था।