IAS की तर्ज पर होगी PCS की परीक्षा, UPPSC ने नये सिलेबस को दी मंजूरी
इलाहाबाद। संघ लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर है। अब आईएएस की तर्ज पर ही पीसीएस परीक्षा होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने नए पाठ्यक्रम को मंजूरी दे दी है और पीसीएस परीक्षा 2018 का आयोजन अब आईएएस परीक्षा की तर्ज पर ही किया जाएगा।
पीसएस सिलेबस में संशोधन
फिलहाल उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम संशोधित कर दिया है और आयोग की बैठक के बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए इसकी जानकारी मीडिया को दी गई है। आयोग ने शासन के पास प्रस्ताव भेज दिया है जिस पर अब अनुमति की औपचारिक कार्यवाही की जाएगी। शासन से मंजूरी मिलते ही आयोग पीसीएस परीक्षा 2018 का विज्ञापन जारी करेगा, जो संशोधित पाठ्यक्रम के आधार पर होगा। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि बैठक में आयोग के सदस्यों की बैठक में पीसीएस मुख्य परीक्षा को आईएएस परीक्षा की तरह ही कराए जाने का निर्णय लिया गया है। पाठ्यक्रम तैयार है और संशोधित पाठ्यक्रम का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिस पर अनुमति मिलने के बाद नया विज्ञापन जारी किया जाएगा।
पीसीएस में एक वैकल्पिक विषय
2018 में जब यूपी पीसीएस का एग्जाम होगा तो उसके सिलेबस में बदलाव किया जायेगा। जैसे परीक्षा में मिलने वाले अंकों में उतार चढ़ाव को खत्म किया जायेगा। अहम बदलाव में वैकल्पिक विषय भी शामिल है। अबसे यूपीपीसीएस में दो वैकल्पिक विषय नहीं होंगे बल्कि एक ही वैकल्पिक विषय की परीक्षा अभ्यार्थी को देनी होगी। जबकि प्रतियोगी के चयन में सबसे अहम भूमिका निभाने वाला सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्र की संख्या दुगनी होगी। यानी दो पेपर की संख्या बढ़ाकर अब चार कर दी गई है।
नंबरों के आधार पर समझे बदलाव
आईएएस
मेन्स
1-
निबंध
-
300
नंबर
2-
सामान्य
अध्ययन
-
1000
(
4
पेपर
प्रत्येक
250
नंबर
का)
3-
वैकल्पिक
विषय
-
500
नंबर
(
2
पेपर
प्रत्येक
250
नंबर
का)
4-
कुल
नंबर
-
1800
5-
इंटरव्यू
-
275
पीसीएस
मेन्स
1-
हिन्दी
-
150
नंबर
2-
निबंध
-
150
नंबर
3-
वैकल्पिक
विषय
-
800
(
4
पेपर
प्रत्येक
200
नंबर
का)
4-
सामान्य
अध्ययन
-
400
(
2
पेपर
प्रत्येक
200
नंबर
का)
5-
कुल
नंबर
-
1500
6-
इंटरव्यू
-
200
लेकिन अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में यूपीएससी की तरह वैकल्पिक विषयों की संख्या में घटोतरी व सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्र में बढ़ोतरी करते हुए पैटर्न समान कर दिया है। जिससे प्रतियोगियों को एक साथ दोनों परीक्षाओ की तैयारी का लाभ मिल सकेगा।
कभी बजता था यूपी का डंका
संघ लोक सेवा आयोग की आईएएस की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। एक समय इस परीक्षा में यूपी का डंका बजता था। संघ लोक सेवा आयोग ने लगातार परीक्षा पैटर्न अपग्रेड किया तो यूपी वालों की संख्या घटती गयी। इसका प्रमुख कारण यूपी की प्रतियोगी परीक्षाओ की पद्धति को माना जाता है। यूपी की सबसे लोकप्रिय परीक्षा पीसीएस पास करने वाले अभ्यार्थी बड़ी संख्या में आईएएस बनते थे। उनका टारगेट भी यही होता था। लेकिन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने अपने परीक्षा पैटर्न को पुराने ढर्रे के अनुसार से चलने दिया जिससे पीसीएस की तैयारी करने वाले आईएएस के पैटर्न से सामंजस्य बैठाने में मुश्किल में आ गये और उनकी संख्या चयन में घटने लगी। अब आईएएस की परीक्षा में बैठने के लिये प्रतियोगी को अलग से तैयारी करने की बहुत अधिक आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि फिर से यूपीएससी का पैटर्न यूपीपीएससी से मेल खायेगा।