कोरोना संकट में लिंकडिन, नौकरी समेत दूसरे हायरिंग पोर्टल का इस्तेमाल बढ़ा, कई कंपनियां अब भी कर रहीं भर्ती
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण शुरू होने के बाद से देश में लॉकडाउन लग गया, जिसके बाद बहुत सी आर्थिक गतिविधियां थम गईं। इस दौरान बहुत सी कंपनियों ने अपने यहां छंटनी भी की। लेकिन इस बीच नौकरी डॉट कॉम, लिंकडिन और अन्य हायरिंग पोर्टल को इस्तेमाल करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा देखा गया है। कोरोना वायरस संकट के कारण बेरोजगार लोगों की संख्या काफी बढ़ गई है, जिसके चलते ये लोग सोशल मीडिया और हायरिंग पोर्टल पर नौकरी की तलाश कर रहे हैं।
हाल ही में इंडियाबुल्स से लेकर ओला, ऊबर, स्वीगि और जोमैटो जैसी स्टार्टअप कंपनियों ने भी भारी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की है। जिसके बाद से नौकरी की तलाश करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। लिंकडिन का कहना है कि मार्च 2019 के बाद से वैश्विक तौर पर उसके यूजर्स के बीच संपर्क में 55 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही नौकरी डॉट कॉम पर भी सक्रिय लोगों की संख्या बढ़ रही है। यहां वैसे तो हर हफ्ते नौकरी की तलाश करने वालों की संख्या बढ़ती है लेकिन इस बार मई के बाद से ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है।
नौकरी की तलाश अधिकतर आईटी, अकाउंटिंग और बीएफएसआई इंडस्ट्री से जुड़े लोग कर रहे हैं। वहीं जिन नौकरियों की सबसे ज्यादा तलाश होती है, उनमें बीपीओ/आईटीईएस, इंश्योरेंस, इंटरनेट/ई-कॉमर्स, रिसर्च आदि शामिल हैं। इस बीच एक अच्छी बात ये भी है कि कुछ कंपनियां इस समय भी नए कर्मचारियों की भर्ती कर रही हैं। नौकरी की रिपोर्ट के अनुसार हायरिंग में जून महीने में बीते दो महीने के मुकाबले 33 फीसदी अधिक सुधार देखा गया है। नौकरी डॉट कॉम का कहना है कि फार्मा / बायोटेक/क्लीनिकल रिसर्च, बीपीओ/आईटीईएस, इंश्योरेंस और आईटी सॉफ्टवेयर सेक्टर कम प्रभावित हुआ है। क्योंकि यहां जून महीने में भी हायरिंग हुई है। हालांकि हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और ऑटो सेक्टर लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुआ है।
वहीं लिंकडिन का कहना है कि तकनीक, गेमिंग, ई-कॉमर्स, ईडी-टेक और इंश्योरेंस सेक्टर में हायरिंग बढ़ी है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण ये हायरिंग पोर्टल भी लोगों को नौकरी दिलाने के लिए नई पहल कर रहे हैं। जैसे लिंकडिन उन सेक्टर्स को मंजूरी दे रहा है, जिन्हें तुरंत हायरिंग करनी होती है। खासतौर पर हेल्थकेयर कंपनियों और सुपर मार्केट वाली कंपनियों को। ऐसे में जिन लोगों की नौकरी चली गई है, उन्हें इन प्लैटफॉर्म्स पर नौकरी ढूंढने में काफी आसानी हो रही है।