शिक्षा मंत्रालय ने जारी की एआईएसएचई 2019-20 रिपोर्ट, उच्च शिक्षा के लिए महिला नामांकन में 18.2%की वृद्धि
नई दिल्ली, जून 10: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण 2019-20 की रिपोर्ट जारी करने को मंजूरी दी। रिपोर्ट से पता चला है कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (आईएनआई) की संख्या 2015 में 75 से बढ़कर 2020 में 135 हो गई है। पिछले पांच वर्षों में पीएचडी करने वालों की संख्या में भी 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2015-16 से 2019-20 तक पिछले पांच वर्षों में छात्र नामांकन में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एआईएसएचई की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि के दौरान उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में 18.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर लिखा है कि इस बात की घोषणा करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है कि अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआईएसएचई) रिपोर्ट 2019-20 जारी कर दी गई है। जैसा कि आप देख सकते हैं, हमने जीईआर, जेंडर समता सूचकांक में सुधार किया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की संख्या में 80% (2015 में 75 से 2020 में 135 तक) की वृद्धि हुई।
अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) रिपोर्ट देश में उच्च शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर प्रमुख प्रदर्शन संकेतक प्रदान करती है। उच्च शिक्षा में कुल नामांकन में 3.04 प्रतिशत का सुधार हुआ है। 2018-19 में 3.74 करोड़ की तुलना में 2019-20 में कुल नामांकन 3.85 करोड़ है, जो 11.36 लाख (3.04 प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज करता है। 2014-15 में कुल नामांकन 3.42 करोड़ था। जीईआर, जेंडर पैरिटी इंडेक्स में सुधार किया है। इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस की संख्या में 80% (2015 में 75 से 2020 में 135 तक) की बढ़ोत्तरी हुई है।
एआईएसएचई रिपोर्ट 2018-19 के अनुसार, पहले के मुकाबले एमबीए , एमबीबीएस, बीएड और एलएलबी जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज ने स्टूडेंट्स को ज्यादा आकर्षित किया है। आंकड़ों की बात करें तो एमबीए करने वाले छात्रों की संख्या 2014-15 में 4 लाख 09 हजार 432 से बढ़कर 2018-19 में 4 लाख 62 हजार 853 हो गई। इसी तरह, बी.एड के छात्रों की संख्या 2014-15 में 6 लाख 57 हजार 194 थी जो पिछले साल 11 लाख 75 हजार 517 तक हो गई है, यानी लगभग 80 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
अमित शाह के घर पहुंचे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों नेताओं के बीच अहम बैठक
लिंग समानता सूचकांक (GPI), उच्च शिक्षा में महिला और पुरुष के आनुपातिक प्रतिनिधित्व का अनुपात, 2019-20 में 1.01 है, जबकि 2018-19 में 1.00 है। जीपीआई में वृद्धि पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा तक पहुंच में सुधार को दर्शाती है। एआईएसएचई की रिपोर्ट बताती है कि 2019-20 में, 3.38 करोड़ छात्रों ने स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर कार्यक्रमों में दाखिला लिया है। इनमें से लगभग 85 प्रतिशत छात्र (2.85 करोड़) छह प्रमुख विषयों जैसे मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, चिकित्सा विज्ञान और आईटी और कंप्यूटर में नामांकित थे।