सोशल मीडिया पर उठी CBSE की 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने की मांग, जानिए क्या है ताजा अपडेट
कोरोना के खतरे को देखते हुए 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से बोर्ड की परीक्षा रद्द करने की लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन बोर्ड के माथे पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
नई दिल्ली, 15 मई। भारत में कोरोना तांडव मचा रहा है। अस्पतालों में मरीज सिसक रहे हैं। हर किसी को अपनी जान बचाने की पड़ी हुई है। कोरोना के खतरे को देखते हुए 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से बोर्ड की परीक्षा रद्द करने की लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन बोर्ड के माथे पर जूं तक नहीं रेंग रही है। उन्हें बोर्ड की तरफ से इस बाबत अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है।
सोशल मीडिया पर लगातार उठ रही मांग
मालूम हो कि 12वीं के छात्र ट्विटर पर लगातार यह मांग उठा रहे हैं कि स्थगित की गई परीक्षाओं को रद्द किया जाए, लेकिन उनकी मांग को अनदेखा किया जा रहा है। हालांकि इसी बीच सोशल मीडिया पर ऐसी भी खबरें आई हैं कि सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया है।
सीबीएसई
ने
किया
खंडन
सीबीएसई
के
एक
अधिकारी
ने
ऐसी
खबरों
का
खंडन
किया
है।
उन्होंने
कहा,
'परीक्षाओं
को
रद्द
करने
जैसा
कोई
फैसला
नहीं
लिया
गया
है।
अगर
इस
तरह
का
कोई
निर्णय
लिया
जाएगा
तो
उसकी
आधिकारिक
तौर
पर
घोषणा
की
जाएगी।'
प्रतिष्ठित अखबार टाइम्स नाउ ने भी परीक्षा रद्द करने से जुड़ी खबरों का खंडन किया है। अखबार ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि इस संबंध में 25 मई को फैसला लिया जाएगा।
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शिक्षा
मंत्री
करेंगे
राज्य
के
सचिवों
से
बात
एएनआई
के
अनुसार,
केंद्रीय
शित्रा
मंत्री
रमेश
पोखरियाल
वर्चुअल
माध्यम
से
राज्य
के
शिक्षा
सचिवों
के
साथ
17
मई
को
मीटिंग
करें
और
शिक्षा
क्षेत्र
पर
पड़ने
वाले
कोरोना
के
प्रभाव
का
आकलन
करेंगे।
इस
मीटिंग
में
शिक्षा
क्षेत्र
पर
कोरोना
की
दूसरी
लहर
के
प्रभाव
का
आकलन,
ऑनलाइन
शिक्षा
के
प्रमोशन
और
नई
शिक्षा
नीति
को
लागू
करने
जैसे
मुद्दों
पर
चर्चा
होगी।
यह भी माना जा रहा है कि कोरोना को देखते हुए और माता-पिता और बच्चों के बढ़ते दबाव के कारण इस मीटिंग में 12वीं की परीक्षाकों को स्थगित करने पर भी चर्चा हो सकती है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है।
परीक्षा रद्द करने को लेकर SC में याचिका दायर
अधिवक्ता ममता शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीएसई और सीआईएससीई की 12वीं की परीक्षाओं को रद्द की मांग की है। याचिका में मांग की गई है कि 12वीं के छात्रों के परिणाम घोषित करने के लिए परीक्षा के बजाय वस्तुनिष्ठ पद्धति अपनाई जाए। याचिका के अनुसार परीक्षा में देरी से विश्वविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया भी प्रभावित होगी।
याचिका में आगे कहा गया है कि, 'कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 12वीं की परीक्षाएं कराना संभव नहीं है। यहां तक की अभूतपूर्व महामारी के चलते ऑफलाइन या ऑनलाइन परीक्षाएं कराना उचित नहीं है। परीक्षाओं में देरी से विदेशी विश्वविद्यालयों में दाखिला प्रक्रिया प्रभावित होगी। इसलिए परीक्षाओं के परिणाम समय पर घोषित करने के लिए सीबीएसई और सीआईएससीई ऑब्जेक्टिव पद्धति को अपनाएं अन्यथा इससे 12 लाख विद्यार्थी प्रभावित होंगे।'