UPHESC: 1150 पदों वाली असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती - 2016 शुरू, 18 नवंबर को एग्जाम
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा 2016 में शुरू की गई 1150 पद वाली असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की प्रक्रिया आखिरकार शुरू कर दी गई है। आयोग ने भर्ती परीक्षा के लिए एग्जाम डेट डिक्लेयर कर दी है। 18 नवंबर को इस भर्ती की लिखित परीक्षा का आयोजन होगा। जानकारी देते हुए अध्यक्ष प्रोफेसर ईश्वर शरण विश्वकर्मा बताया कि यह भर्ती प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में होगी। 18 नवंबर को परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। आयोग की वेबसाइट पर अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड अपलोड किए जाएंगे। अभ्यर्थी वहां से अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में बडी संख्या में पद खाली चल रहे हैं। जिसके सापेक्ष 2016 में 1150 पद पर असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन इस भर्ती की लिखित परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया और पिछले 2 साल से भर्ती अधर में लटकी हुई थी। हालांकि आयोग द्वारा योगी सरकार को भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद इस भर्ती की लिखित परीक्षा की डेट घोषित कर दी गई है और आगामी 18 नवंबर को लिखित परीक्षा का आयोजन होगा।
2
साल
से
लटकी
है
भर्ती
प्रदेश
के
सहायता
प्राप्त
स्नातक
एवं
स्नातकोत्तर
डिग्री
कॉलेजों
में
सहायक
प्रोफेसर
भर्तियों
को
उत्तर
प्रदेश
उच्चतर
शिक्षा
सेवा
चयन
आयोग
ही
कराता
है।
लेकिन
2013
व
2014
की
भर्तियों
का
रिजल्ट
अभी
भी
अधर
में
लटका
हुआ
था।
जबकि
2016
में
शुरू
की
गई
भर्ती
में
लिखित
परीक्षा
आज
तक
नहीं
हो
सकी
है।
जिसके
चलते
लगातार
खाली
पदो
की
संख्या
बढ़ती
जा
रही
है।
इन
पदों
को
भरने
के
लिये
लगातार
सहायता
प्राप्त
कालेजों
द्वारा
मांग
की
जा
रही
थी।
जिसके
क्रम
में
अब
प्रदेश
के
सहायता
प्राप्त
महाविद्यालयों
में
1150
असिस्टेंट
प्रोफेसरों
की
भर्ती
प्रक्रिया
2016
की
लिखित
परीक्षा
की
डेट
घोषित
की
गई
है।
सरकार
की
रणनीति
उत्तर
प्रदेश
में
इन
दिनों
अधिकांश
भर्तियां
विवादों
के
दौर
से
गुजर
रही
हैं।
जितनी
भी
नई
भर्तियों
की
परीक्षाएं
हुई
हैं
उनमें
किसी
न
किसी
तौर
पर
धांधली,
पेपर
लीक
आदि
के
मामले
सामने
आए
हैं
।
जिसके
बाद
कोई
भी
भर्ती
पूरी
नहीं
हो
पा
रही
है।
ऐसे
में
सरकार
पूर्व
में
लंबित
भर्ती
परीक्षाओं
को
पूरी
करने
की
रणनीति
पर
अमल
कर
रहा
है।
जिसके
क्रम
में
ही
उच्चतर
शिक्षा
सेवा
आयोग
के
प्रस्ताव
पर
मुहर
लगाते
हुए
पुरानी
भर्ती
को
पूरी
करने
का
आदेश
दिया
है।
फिलहाल
इस
भर्ती
के
पीछे
अगर
सरकार
की
मंशा
की
पड़ताल
की
जाए
तो
मौजूदा
समय
में
युवाओं
की
नाराजगी
झेल
रही
बीजेपी
को
यह
भर्ती
थोड़ा
बहुत
राहत
दे
सकती
है।
हालांकि
2019
में
होने
वाले
लोकसभा
चुनाव
से
पहले
अगर
यह
भर्ती
संपन्न
करा
ली
जाती
है
तभी
इसका
फायदा
सरकार
को
मिलने
की
संभावना
है।
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